ऑयल, ऑयलसीड एवं केक से जीएसटी समाप्त करने का अनुरोध

नेशनल ऑयल एंड ट्रेड एसोसिएशन ने लिखा वित्त मंत्री को पत्र

जयपुर, 5 अप्रैल। विश्वव्यापी महामारी कोरोना वायरस अभी थमने का नाम नहीं ले रही है। पूरे विश्व में इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों का आंकड़ा 12 लाख पार कर चुका है। कोरोना से मरने वालों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है। भारत में भी इस रोग से निजात फिलहाल दिख नहीं रही है। इसी बीच नेशनल ऑयल्स एंड ट्रेड एसोसिएशन के महामंत्री मनोज मुरारका ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर सुझाव दिया है कि ऐसे समय में जब खाद्य तेल इकाईयां नहीं चल पा रही हैं। कोविड-19 एवं पांच फीसदी जीएसटी के कारण भी अपनी क्षमता का पूरी तरह उपयोग नहीं कर पा रही हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि ऑयल, ऑयलसीड एवं केक पर आरोपित पांच फीसदी जीएसटी को कम से कम एक साल के लिए समाप्त कर दिया जावे। मुरारका ने कहा कि यूं तो खाद्य तेल, तिलहन एवं खल पर जीएसटी स्थाई रूप से समाप्त कर देना चाहिए।

चिकित्सकों एवं जानकारों का कहना है कि सरसों तेल एंटी वायरल एवं एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर है। यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। विश्व स्वास्थ संगठन भी वानस्पतिक  खाद्य तेलों के गुणों के बारे में कई बार प्रशंसा कर चुका है। मुरारका ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में 1800 छोटी बड़ी सरसों तेल इकाईयां हैं, लेकिन इनमें से करीब 600 तेल मिलें ही अपनी क्षमता का 60 फीसदी उपयोग कर पा रही हैं। यदि ऑयल, ऑयलसीड एवं केक पर से जीएसटी समाप्त कर दिया जावे तो देश का तेल तिलहन उद्योग तेज गति से कार्य करेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है।