दार्जिलिंग में चाय की फसल बरबाद, बागानों को कारोबार की अनुमति नहीं

भावों में 10 रुपए प्रति किलो का उछाल

जयपुर, 8 अप्रैल। देश भर में लॉकडाउन के चलते चाय की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। उपलब्धता कम होने से चाय के भाव 10 रुपए प्रति किलो उछल गए हैं। जयपुर मंडी में चाय के दाम 150 से 250 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। विद्याधर नगर स्थित तनरिका चाय के निर्माता इंडियन एग्रो प्रॉडक्ट्स के डायरेक्टर कमलेश अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के प्रकोप के कारण पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्रों में स्थिति अभी भी गंभीर होने के समाचार मिल रहे हैं। यही कारण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चाय बागानों को कारोबार करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। राज्य सरकार का यह आदेश केंद्र की ओर से चाय उगाने वाली कंपनियों को देश भर में 50 फीसदी कार्यबल के साथ चाय उगाने की गतिविधि शुरू करने की अनुमति दिए जाने के बावजूद आया है।

कलिम्पोंग में स्थित ठीक नहीं

बनर्जी ने राज्य सरकार के इस आदेश का कारण बताते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल का उत्तरी हिस्सा रणनीतिक स्थान है जहां पर बांग्लादेश, नेपाल और भूटान जैसे देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। यह इलाका पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम का एकमात्र प्रवेश द्वार भी है। बनर्जी ने कहा बागानों को अभी खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कलिम्पोंग में स्थिति ठीक नहीं है और चाय बागान में काम करने वाले कामगारों के संक्रमित होने के जोखिम से बचना बेहतर निर्णय है। बहुत से चाय बागान कलिम्पोंग के करीब हैं। गौरतलब है कि कलिम्पोंग में 2 अप्रैल को जान गंवाने वाली महिला के परिवार के छह सदस्यों में कोरोना की पुष्टि हुई है।

दार्जिलिंग में 8 लाख किलो चाय की फसल बरबाद

इस बीच चाय कंपनियों का कहना है कि उन्हें अपने घाटे की भरपाई की जो थोड़ी बहुत उम्मीद थी अब पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दार्जिलिंग में पहले से तैयार हो चुकी 8 लाख किलो की फसल पूरी तरह से बरबाद हो चुकी है। अप्रैल में हुए उत्पादन में पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी करीब 28 फीसदी है, जो करीब 8.5 करोड़ किलो बैठती है। असम की हिस्सेदारी 54 फीसदी है और बाकी हिस्सा दक्षिण भारत का है।