नया वित्तीय वर्ष शुरू, टैक्स के कई नियम बदले

2019 की आईटी रिटर्न 30 जून तक भरी जा सकेगी

नई दिल्ली 1 अप्रैल। (विशेष संवाददाता) आप सभी जानते हैं कि इन दिनों कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन चल रहा है। आज एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष भी प्रारंभ हो गया है। लिहाजा टैक्स से लेकर कई नए नियम और बदलाव लागू हो गए हैं। यद्दपि केन्द्र  सरकार ने कई नियमों में ढील देते हुए 31 मार्च की कई डेडलाइंस को आगे बढ़ा दिया है।

डायरेक्ट टैक्स को लेकर राहत

नए वित्तीय वर्ष 2020 में टैक्स छूट के लिए 30 जून तक निवेश किया जा सकेगा। 80सी, 80जी, 80डी के तहत निवेश के लिए तीन माह की मोहलत दी गई है। वित्तीय वर्ष 2019 की आईटी रिटर्न 30 जून तक भरी जा सकेगी। रिटर्न देरी से भरने के लिए 10 हजार रुपए  जुर्माना देना होगा। बकाया टैक्स 30 जून तक जमा करने पर ब्याज में राहत मिलेगी। एडवांस टैक्स, टीडीएस एवं टीसीएस पर 12 फीसदी की जगह 9 फीसदी ब्याज देना होगा। इसके अलावा आधार तथा पैन को 30 जून तक लिंक किया जा सकता है। टैक्स, बेनामी कानून में आदेश, नोटिस से तीन माह की राहत मिली है। 30 जून तक घर में निवेश एवं कंस्ट्रक्शन पर टैक्स क्लेम मिलेगा। एसईजेड (सेज) में 30 जून तक काम शुरू करने वालों को टैक्स छूट मिलेगी। विवाद से विश्वास स्कीम का फायदा बिना पेनल्टी 30 जून तक मिलेगा।

इनडायरेक्ट टैक्स को लेकर राहत

सेंट्रल एक्जाइज के रिटर्न्स 30 जून तक दाखिल हो सकेंगे। इसके लिए अपील तथा रिफंड के आवेदन के लिए तीन माह की मोहलत दी गई है। यानी कस्टम एक्ट के तहत अपील और रिफंड के आवेदन 30 जून तक किए जा सकेंगे। सबका विश्वास स्कीम में शामिल होने के लिए 30 जून तक पेमेंट संभव है। वहीं इंडियन स्टैंप एक्ट से जुड़े नए नियम एक जुलाई से प्रभावी होंगे। कंपनी एक्ट के तहत फाइलिंग्स को लेकर भी राहत मिली है। 30 जून तक बोर्ड मीटिंग एवं फाइलिंग्स के काम निपटाए जा सकेंगे।