निर्यात बढ़ने से लालमिर्च 25 रुपए प्रति किलो महंगी

गुंटूर मंडी में प्रतिदिन 45 हजार बोरी की आवक

जयपुर | देश में इस साल लालमिर्च की पैदावार 30 फीसदी कम होने की खबरें मिल रही हैं, जबकि निर्यात में 40 प्रतिशत का उछाल आया है। यही कारण है कि दो माह के दौरान मिर्च के भावों में करीब 25 रुपए प्रति किलो की तेजी दर्ज की गई है। आंध्र प्रदेश की उत्पादक मंडियों में लालमिर्च की आवक धीरे-धीरे कम होने लगी है। बद्री प्रसाद माधोलाल के लक्ष्मीनारायण डंगायच ने बताया कि गुरुवार को आंध्र की गुंटूर मंडी में 45 हजार बोरी, तेलंगाना की वरंगल मंडी में 20 हजार तथा खम्मम में 28 हजार बोरी मिर्च की आवक होने के समाचार हैं।

गुंटूर तेजा बेस्ट क्वालिटी मिर्च का व्यापार वर्तमान में 105 से 110 रुपए प्रति किलो में हो रहा है, जबकि दो माह पूर्व यही मिर्च गुंटूर मंडी में 80 रुपए प्रति किलो में आसानी से उपलब्ध थी। गुंटूर व आसपास की मंडियों में इन दिनों 85 फीसदी मिर्च मीडियम क्वालिटी की आ रही है। 15 प्रतिशत मिर्च ही बढ़िया क्वालिटी की उतर रही है। जानकारों का कहना है कि डीलक्स क्वालिटी की मिर्च की इस साल शॉरटेज रहेगी, लिहाजा भावों में मंदी के संकेत नहीं हैं। जयपुर मंडी में गुंटूर तेजा फटकी 62 रुपए, टीएसटी 115 रुपए तथा डंडीकट मिर्च 145 रुपए प्रति किलो थोक में बोली जा रही थी। भाव इस प्रकार रहे:-

आटा (50 किलो) नमस्कार 1121, सारथी 1090 रुपए। बेसन (50 किलो) लकड़ाजी 2450, सारथी 2350 रुपए। अरावली 1200 रुपए प्रति 25 किलो। अजवायन मधुबाला 150, जीरा (279) 200, मधुबाला पोस्तदाना 450, पोहा-लाल गणेश 44, मधुबाला 45 रुपए प्रति किलो। ग्वालाडायमंड 1850, महाराजा सुपर 1910, महाराजा मोहन भोग 1860, महाराजा राजभोग 1760 रुपए प्रति क्विंटल।