बिकवाली दबाव से बिनौला खल 50 रुपए टूटी

बिजाई रकबा बढ़ने से कपास उत्पादन बढ़ने का अनुमान

जयपुर, 17 दिसंबर। सप्लाई अधिक होने तथा पशु पालकों की डिमांड कमजोर होने से स्थानीय थोक मंडियों में बिनौला खल और सस्ती हो  गई। हरियाणा एवं पंजाब की मंडियों में बिकवाली बढ़ने से बिनौला खल में इन दिनों मंदी का रुख बना हुआ है। जयपुर मंडी में बिनौला खल के भाव 50 रुपए और नीचे आकर गुरुवार को 2375 से 2525 रुपए प्रति क्विंटल रह गए हैं। सत्य ट्रेडिंग कंपनी के दिनेश वैद ने कहा कि कपास की बिजाई का रकबा बढ़ने तथा मौसम भी अनुकूल होने से इस साल कपास का उत्पादन अधिक होने का अनुमान है। देश में कपास का उत्पादन मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में होता है। एनसीडैक्स पर सटोरियों की बिकवाली के कारण बिनौला खल दिसंबर डिलीवरी के सौदे भी घटकर बंद हुए हैं। कैटलफीड वालों की कमजोर लिवाली से लाल तिल पपड़ी एवं डली में 100 रुपए निकल गए। इनके भाव क्रमश: 2800 रुपए एवं 4300 रुपए प्रति क्विंटल पर आ थमे। सरसों खल प्लांट के भाव 50 रुपए नीचे आकर 2400 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। इसी प्रकार सफेद तिल्ली 100 से 105 रुपए प्रति किलो बेची जा रही थी।