देश में 89.50 लाख टन सरसों पैदावार का अनुमान

राष्ट्रीय रबी तेल तिलहन सेमिनार रविवार को दिल्ली में संपन्न

जयपुर, 22 मार्च। देश में इस साल 89.50 लाख टन सरसों उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया गया है। यह उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 15.50 लाख टन ज्यादा है। सैंट्रल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (कुईट) की हाल ही संपन्न राष्ट्रीय रबी तेल तिलहन सेमिनार में सरसों पैदावार के आंकड़ों की पुष्टि की गई। कुईट के प्रेसिडेंट बाबूलाल डाटा तथा चेयरमैन सुरेश नागपाल ने कहा कि हालांकि वर्तमान में सरसों की कीमतें एमएसपी से ऊंची चल रही हैं। फिर भी नेफैड मार्केट प्राइस पर सरसों खरीद के लिए बाजार में आती है, तो किसान राहत महसूर करेंगे तथा अगले साल सरसों का और ज्यादा उत्पादन करेंगे। ज्ञात हो सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन का वर्तमान भाव 5900 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। डाटा ने सरकार से आग्रह किया कि वर्तमान में ज्यादा यील्ड वाली सरसों सीड को विकसित करने की जरूरत है। कुईट की क्रॉप कमेटी के चेयरमैन अनिल चतर ने बताया कि वर्तमान में सरसों तेल सोयाबीन तेल से भी सस्ता है। परिणामस्वरूप सरसों तेल की डिमांड निरंतर बढ़ती जा रही है। चतर ने कहा कि चालू वर्ष में मार्च से जून तक करीब 40 लाख टन सरसों की पेराई हो जाएगी। लिहाजा जुलाई के बाद के महीनों में सरसों की सप्लाई लाइन टाइट हो सकती है। चतर ने बताया कि 89.50 लाख टन सरसों उत्पादन में तोरिया तारामीरा की फसल शामिल नहीं है। दिल्ली में रविवार को संपन्न राष्ट्रीय रबी तेल तिलहन सेमिनार में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा पंजाब में कोरोना मामले बढ़ने का असर साफ दिखा। डेलिगेट्स उम्मीद से भी कम आए, फिर भी राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सफल रहा।