किसान कल्याण सैस का चौतरफा विरोध

देश में देशी घी पर कहीं भी मंडी शुल्क नहीं, राजस्थान में 3.60 फीसदी लागू

जयपुर, 7 मई। राजस्थान के अलावा देशी घी पर मंडी शुल्क किसी भी राज्य में नहीं है, जबकि राजस्थान में घी पर 1.60 मंडी शुल्क पहले से ही लागू है। राज्य सरकार ने 2 फीसदी किसान कल्याण सैस और लगा दिया है। इसके अलावा घी पर 12 फीसदी जीएसटी है। शुद्ध घी विक्रेता संघ के अध्यक्ष ललित हुंडिया ने कहा कि व्यापारी दस साल से मंडी टैक्स हटाने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने मंडी शुल्क हटाने की बजाए किसान कल्याण शुल्क और लगा दिया है, जो सरासर अन्याय है।

उधर राजस्थान शुगर ट्रेड एसोसिएशन ने भी कृषि जिंसों पर 2 प्रतिशत कृषि कल्याण फीस का विरोध किया है। अध्यक्ष सत्यनारायण चितलांग्या ने कहा कि चीनी पर पहले से ही 1.60 फीसदी मंडी शुल्क लागू है। इसे हटाने के लिए चीनी व्यापारी कई सालों से संघर्ष करते आ रहे हैं। चितलांग्या ने बताया कि चीनी का कारोबार पहले ही अवैध रूप ले चुका है। इस टैक्स के बाद तो पूरा व्यापार ही माफियाओं के हाथ में चला जाएगा। प्रदेश के चीनी व्यापारियों ने भी टैक्स नहीं हटने तक अनिश्चतकालीन बंद की घोषणा की है।

जयपुर दाल मिलर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि पड़ौसी राज्य दिल्ली, गुजरात, हरियाणा व पंजाब में कृषि मंडी शल्क राजस्थान के मुकाबले काफी कम है। दाल बनाने के लिए कच्चा माल हम पड़ौसी राज्यों से आयात करते हैं। उस कच्चे माल पर भी हम मिलर्स को 1.60 प्रतिशत मंडी शुल्क का भार वहन करना पड़ रहा है। जबकि पड़ौसी राज्यों में आयातित कच्चे माल पर मंडी शुल्क नहीं है। लिहाजा उनके सामने राजस्थान के उद्योग कैसे चल पाएंगे। साथ ही 2 फीसदी किसान कल्याण सैस लगाने के बाद मंडी टैक्स 3.60 फीसदी हो गया है, जिससे अनाधिकृत व्यापार और बढ़ेगा।