जीरे की डिमांड और सप्लाई में बड़ा गैप, कीमतों में भारी उछाल

मीडियम मशीनक्लीन 490, बेस्ट मशीनक्लीन के भाव 510 रुपए प्रति किलो

जयपुर, 1 जून। जीरे की कीमतों में इस बार एतिहासिक भाव बन गए हैं। बेमौसम बारिश के चलते इस साल राजस्थान और गुजरात के उन किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है, जिन्होंने जीरे की खेती की है। इस वर्ष जीरे की कीमतों ने तेजी के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जयपुर मंडी में जीरा मीडियम मशीनक्लीन 490 रुपए तथा बेस्ट मशीनक्लीन के भाव 510 रुपए प्रति किलो थोक में बोले जा रहे हैं। गुजरात के मेहसाणा जिले में ऊंझा मंडी मसालों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है। जानकारों का कहना है कि इस साल जीरे की डिमांड और सप्लाई में बड़ा गैप आ गया है। बाजार में जीरे की 80 लाख बोरी की डिमांड है, जबकि उत्पादन 55 से 60 लाख बोरी है। वर्ष 2018 के बाद से जीरे के भावों में लगातार तेजी दर्ज की जा रही है। गौरतलब है कि फरवरी और मार्च के महीने में हुई बारिश ने गुजरात और राजस्थान में जीरे की फसल को खराब कर दिया है। भारत में गुजरात और राजस्थान में जीरे की सबसे ज्यादा खेती होती है। घरेलू और विदेशी बाजारों में मांग बढ़ने के कारण जीरे की कीमतों में आग लगी हुई है। जीरे के अन्य मसालों के भाव भी पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा तेज हैं। बाजार के जानकारों का अनुमान था कि राजस्थान से जीरे के 44 लाख बैग एवं गुजरात से 26 लाख बैग आ सकते हैं। मगर बेमौसम की बारिश ने जीरे की फसल को चौपट करके रख दिया है। वर्ष 2022 में विदेशी बाजार में जीरा 2800 डॉलर प्रति टन बिक रहा था, जबकि इस बार यह भाव 4000 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गया है। भारतीय किसानों के लिए अच्छी खबर यह है कि पिछले तीन साल से सीरिया, तुर्की और ईरान से जीरे का निर्यात गिरा है।