बिकवाली दबाव से अरंडी तेल 300 रुपए टूटा

सुमेरपुर, जोधपुर, मथानिया, फलौदी में तीन हजार बोरी अरंडी की आवक

अहमदाबाद में 24 एवं 25 फरवरी को होगी ग्लोबल कैस्टर कॉन्फ्रैन्स

जयपुर, 1 फरवरी। गुजरात में नई अरंडी की आवक चालू माह के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है। गुजरात के उत्पादन केन्द्रों पर इस बार अरंडी की पैदावार गत वर्ष के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। यही कारण है कि अरंडी एवं अरंडी तेल में इन दिनों गिरावट का रुख देखा जा रहा है। स्टॉकिस्टों की बिकवाली के चलते जयपुर मंडी में अरंडी तेल 15000 रुपए प्रति क्विंटल पर 300 रुपए टूट गया है। इसी प्रकार अरंडी के भाव यहां बुधवार को 7000 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बोले जा रहे थे। राजस्थान की सुमेरपुर, जोधपुर, मथानिया एवं फलौदी आदि मंडियों में अरंडी सीड की दैनिक आवक तीन हजार बोरी के आसपास बताई जा रही है। गौरतलब है कि अरंडी एवं अरंडी तेल का भारत दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। इसकी वैश्विक मांग और घरेलू खपत भी निरंतर बढ़ती जा रही है। किसानों के लिए अरंडी की खेती एक बहुत फायदे का सौदा है। क्योंकि अरंडी व्यावसायिक अखाद्य तिलहनी फसल है। वीकेआई स्थित श्रीराम ऑयल एंड केमिकल इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर द्वारका प्रसाद मूंदड़ा ने बताया कि अरंडी तेल के वैश्विक उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 87 फीसदी से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अरंडी तेल का निर्यात यूरोप, चीन, नीदरलैंड एवं जर्मनी आदि देशों को होता है। एक अनुमान के मुताबिक भारत से 45 से 50 हजार टन अरंडी तेल का निर्यात प्रति माह होता है। अरंडी की फसल का आकलन करने एवं एक्सपोर्ट संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए 24 एवं 25 फरवरी को ग्लोबल कैस्टर कॉन्फ्रैन्स अहमदाबाद में आयोजित होने जा रही है। दी सॉल्वेंट एक्सटैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की थीम कैस्टर सस्टेनेबिलिटी- ए वे फॉरवार्ड पर आधारित है। कॉन्फ्रैन्स में अरंडी पैदा करने वाले किसान, अरंडी तेल के निर्माता, आयातक एवं निर्यातक, सर्विस प्रोवाइडर, कैस्टर ऑयल यूजर्स जैसे पेंट, लुब्रिकैंट निर्माता आदि हिस्सा लेंगे।