खुदरा में जीरा 700 रुपए प्रति किलो के पार

पैदावार कम तथा पाइपलाइन खाली होने से और तेजी के आसार

जयपुर, 17 अप्रैल। इस बार देश में जीरे की पैदावार कम होने से इसकी कीमतों में भारी तेजी दर्ज की जा रही है। जयपुर मंडी में सोमवार को जीरा मीडियम मशीनक्लीन के भाव 445 रुपए तथा बेस्ट मशीन क्लीन जीरा 480 रुपए प्रति किलो थोक में बिक गया। हालांकि इसमें एक सप्ताह के दौरान ऊंचे भावों से 15 से 20 रुपए प्रति किलो की गिरावट आई है। जानकारों का कहना है कि बेमौसम बारिश से जीरे की क्वालिटी खराब हुई है। राजस्थान में जीरे का उत्पादन करीब 20 फीसदी घटने के समाचार हैं। मंडियों में इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले जीरे की सप्लाई आधी है। जीरे की बिजाई अक्टूबर-नवंबर में होती है। फरवरी-मार्च में जीरे की कटाई शुरू हो जाती है। मार्च से मई तक जीरे का पीक मार्केटिंग सीजन होता है। गुजरात एवं राजस्थान जीरा उत्पादन के बड़े राज्य हैं। जीरा उत्पादन में गुजरात की 65 फीसदी हिस्सेदारी है। जीरे के एक्सपोर्ट आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में 1.44 लाख टन जीरा निर्यात किया गया था, जबकि वर्ष 2019-20 में 2.14 लाख टन, वर्ष 2020-21 में 2.98 लाख टन और वर्ष 2021-22 में 2.17 लाख टन जीरा एक्सपोर्ट हुआ। जानकार बताते हैं कि इस वर्ष मौसम प्रतिकूल होने से देश में जीरे की पैदावार कम हुई है। परिणामस्वरूप इसके भावों में तेजी बनी रहने के आसार हैं। वर्ष 2023 में मानसून पर स्काईमेट के अनुमान के मुताबिक इस साल मानसून सामान्य से 40 फीसदी कम रहने की संभावना है। इस मानसून में सूखा पड़ने की संभावना 20 प्रतिशत है। अल निनो के कारण बारिश कम हो सकती है। जीरे में तेजी का मुख्य कारण पाइपलाइन खाली होने से इसकी चौतरफा लिवाली बनी हुई है। यही कारण है कि आने वाले दिनों में जीरा रुक-रुककर तेज होता रहेगा। रिटेल में बेस्ट मशीनक्लीन ब्रांडेड जीरा 700 से 800 रुपए प्रति किलो तक बेचा जा रहा है।