राजस्थान की मंडियों में डेढ़ लाख बोरी बाजरे की प्रतिदिन आवक

उत्पादन बढ़ने से एक माह में 500 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट

जयपुर, 19 अक्टूबर। राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की कुछ उत्पादक मंडियों में नए बाजरे की आवक लगातार बढ़ती जा रही है। राजस्थान के उत्पादन केन्द्रों पर लगभग डेढ़ लाख बोरी बाजरा प्रतिदिन उतर रहा है। आवक दबाव बढ़ने के साथ ही बाजरे की कीमतें भी निरंतर टूट रही हैं। एक-डेढ़ माह के दौरान बाजरा करीब 500 रुपए प्रति क्विंटल टूट गया है। जयपुर मंडी में नया बाजरा बुधवार को 1600 से 1850 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बेचा  गया। एक माह पूर्व इसके भाव 2350 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गए थे। राजलक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी के आर.पी. शर्मा ने बताया कि बिजाई के समय इस वर्ष उत्तर भारत में बारिश कम होने तथा ऊंचे भाव होने के कारण किसानों ने बाजरे की बिजाई अधिक की थी। बाजरे की फसल भी चौतरफा अच्छी बताई जा रही है। जानकार बताते हैं कि खेतों में तैयार फसल को भी खड़ी रहने पर कोई नुकसान नहीं होता है। इस बार बारिश होने पर हवा नहीं चली है। परिणामस्वरूप बाजरे की खड़ी फसल गिरी नहीं है। गौरतलब है कि राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में बाजरे की बिजाई किसानों ने अधिक की थी। दिवाली बाद उत्तर प्रदेश की इटावा, एटा, मैनपुरी, फरूक्खाबाद, उरई एवं ओरैया लाइन में भी नया बाजरा आने लगेगा। इसी प्रकार प्रयागराज लाइन में नवंबर के पहले सप्ताह में बाजरे का आवक दबाव बनने लगेगा। विशेषज्ञों के अनुसार किसानों ने इस बार हाईब्रिड बीज की बिजाई ज्यादा की है। लिहाजा देश में बाजरे की पैदावार 120 लाख टन के आसपास होने का अनुमान है। बीते सीजन में लगभग 80 लाख टन बाजरे का उत्पादन हुआ था। ज्ञात हो एक-डेढ़ माह पूर्व पुराना बाजरा 2350 रूपए प्रति क्विंटल मौली बरवाला पहुंच बिक गया था। वर्तमान में इसके भाव 1850 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं।