कोरोनाकाल में बढ़ रही लौंग की डिमांड, 100 रुपए प्रति किलो की तेजी

भारत के अलावा, मेडागास्कर, इंडोनेशिया एवं जंजीबार में भी होती है पैदावार

जयपुर, 30 मई। कोरोनाकाल में लौंग की खपत बढ़ने से इसकी कीमतों में इन दिनों अच्छी तेजी देखी जा रही है। एक सप्ताह के दौरान लौंग के भाव 75 से 100 रुपए प्रति किलो तक उछल गए हैं। जयपुर मंडी में लौंग की थोक कीमतें वर्तमान में 650 रुपए प्रति किलो पहुंच गई हैं। भारत में लौंग की सबसे बड़ी मंडी नागरकोइल है, जो कि तमिलनाडु में स्थित है। इस मंडी से लौंग का देश-विदेश में व्यापार होता है। कर्नाटक एवं केरल में भी लौंग की पैदावार होती है। औषधीय गुणों से भरपूर इस लौंग की पैदावार भारत के अलावा मेडागास्कर, इंडोनेशिया, श्रीलंका, कोमरान एवं जंजीबार में मुख्य रूप से होती है। जयपुर की राजधानी कृषि उपज मंडी स्थित कारोबारी राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि विदेशों से इस बार लौंग की आने वाली फसल करीब 30 फीसदी कम होने तथा कैरीओवर स्टॉक घटने से इसकी कीमतों में मजबूती को बल मिल रहा है। विदेशों से आने वाली लौंग में हाल ही 500 डालर प्रति टन की तेजी दर्ज की गई है। कोलंबो की लालपरी लौंग के भाव वहां पर 630 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं। इसी प्रकार जयपुर मंडी में उत्सव लौंग 650 रुपए प्रति किलो बोली जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड-19 महामारी के चलते बंदरगाहों पर उतरे हुए एवं स्टॉक में लगे हुए माल आना बंद हो गए हैं। लिहाजा बाजार में लौंग के भाव थोक में 700 रुपए प्रति किलो को शीघ्र ही पार कर सकते हैं। रिटेल काउंटरों पर लौंग फिलहाल 800 से 1000 रुपए प्रति किलो तक बेची जा रही है। गौरतलब है कि लौंग की तासीर गर्म होती है, लिहाजा इसका अधिकतम उपयोग सर्दियों में होता है। कोरानाकाल में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बनने वाले काढ़े में लौंग का प्रयोग होने से इसके भावों में बढ़ोतरी हुई है।