बिजाई के लिए काबली चने की डिमांड बरकरार

दो-तीन सप्ताह के दौरान आई 15 रुपए प्रति किलो तक की तेजी

जयपुर, 14 अक्टूबर। बिजाई के लिए डिमांड निकलने तथा स्टॉक तंगी के चलते स्थानीय थोक मंडियों में काबली चने की कीमतें लगातार उछल रही हैं। दो-तीन सप्ताह के दौरान काबली चना लगभग 15 रुपए प्रति किलो तक महंगा हो गया है। जयपुर मंडी में रॉयल चॉइस काबली चने के भाव थोक में 132 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं। ज्ञात रहे काबली की फसल आए हुए करीब आठ महीने बीत चुके हैं। काबली चने के उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा महाराष्ट्र आदि में किसानी माल की आवक तकरीबन समाप्त हो गई है। वर्तमान में सिर्फ स्टॉक के माल बिक रहे हैं। दूसरी ओर कनाड़ा एवं ऑस्ट्रेलिया में नए काबली के भाव ऊंचे चल रहे हैं। राजधानी कृषि उपज मंडी स्थित ब्रोकर श्याम खंडेलवाल ने बताया कि गत सीजन में काबली चने की नई फसल आने पर पुराना स्टॉक बहुत कम बचा था। दूसरी ओर इस बार भी फसल सामान्य से 6 लाख टन घटकर 14 लाख टन के करीब ही आई है, जबकि घरेलू खपत 24 लाख टन की है। नया काबली मार्च-अप्रैल से पहले नहीं आएगा। मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में चालू माह में ही काबली चने की बिजाई शुरू होने वाली है। मगर खेतों में पानी होने से बिजाई में विलंब हो रहा है। खंडेलवाल ने कहा कि सूडान, ईरान, टर्की, मैक्सिको एवं कनाड़ा से काबली चने का आयात होता है। इस बार उक्त उत्पादक देशों में भाव ऊंचे चल रहे हैं। लिहाजा आयात पड़ता नहीं लग रहा है। इसे देखते हुए काबली चने में फिलहाल मंदी के आसार नहीं हैं। उधर महाराष्ट्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार वहां से स्टॉक का माल काफी मात्रा में निकल चुका है। इंदौर-भोपाल लाइन का काबली निर्यात के साथ-साथ बिजाई में भी जा रहा है। कनाड़ा में भी इस बार फसल कमजोर बताई जा रही है। पुराना स्टॉक नगण्य है। लिहाजा कहा जा सकता है कि काबली चने में मजबूती बनी रह सकती है।