डीजीएफटी का फैसला : अब चावल के टुकड़ों का एक्सपोर्ट संभव

विदेशी सरकार के अनुरोध एवं भारत की अनुमति पर ही हो सकेगा निर्यात

जयपुर, 30 मई।

सरकार ने चावल को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब चावल के टुकड़ों का एक्सपोर्ट संभव है। इसके लिए डायरेक्टर जनरल फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने हाल ही नोटिफिकेशन जारी किया है। बता दें चावल के टुकड़ों के निर्यात पर अभी तक बैन कायम है। घरेलू सप्लाई बढ़ाने और चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था। हालांकि सरकार ने कहा है कि टूटे चावलों का एक्सपोर्ट दूसरे देशों की मांग पर ही संभव होगा। यानी ऐसे देश जहां की खाद्य सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है और वहां की सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार की अनुमति पर इन देशों को टूटे चावलों का निर्यात किया जा सकेगा। डीजीएफटी ने साफ किया है कि खाद्य सुरक्षा जरूरतों के लिए इस तरह की मंजूरी संभव है। ध्यान रहे सितंबर 2022 में चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया गया था। घरेलू सप्लाई बढ़ाने और चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने चावल के निर्यात पर बैन लगाया था। सरकार ने फिलहाल नॉन बासमती के निर्यात पर 20 फीसदी ड्यूटी लगा रखी है। गौरतलब है कि चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40 प्रतिशत है। भारत ने वर्ष 2021-22 के वित्तीय वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था। भारत ने वर्ष 2021-22 के दौरान विश्व के 150 से अधिक देशों को गैर बासमती चावल का निर्यात किया। आपको बता दें चावल के टुकड़ों की खपत दक्षिण अफ्रीकी देशों में ज्यादा है। दक्षिण अफ्रीकी देशों में टूटे चावल की खपत खाने के तौर पर है। भारत में डेढ़ करोड़ टन चावल के टुकड़ों का उत्पादन होता है। इसमें से करीब एक करोड़ टन एक्सपोर्ट होने का अनुमान है।