आयातित खाद्य तेलों पर 20 फीसदी ड्यूटी बढ़ाई जाए

सरसों डीओसी के निर्यात पर इंसेंटिव बढ़ाने की मांग

जयपुर, 28 जनवरी। तिलहन के क्षेत्र में देश को आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार को आयातित खाद्य तेलों पर 20 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ानी होगी। तब कहीं जाकर किसान की तिलहनी फसल एमएसपी पर बिक पाएगी। ऐसे ही कुछ सुझाव मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे ज्ञापन में दिए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिन से पूरे देश में मीडिया के माध्यम से ये समाचार चल रहे हैं कि सरकार आयातित खाद्य तेलों पर ड्यूटी घटाने पर विचार कर रही है। डाटा ने ज्ञापन में कहा है कि यदि भारत सरकार ने आयातित खाद्य तेलों पर ड्यूटी घटाई तो देश के किसानों को उनकी उपज का मूल्य एमएसपी से भी 20 प्रतिशत नीचे मिलेगा। ऐसी स्थिति में किसान आने वाले समय में तिलहन की खेती से मुंह मोड़ लेगा। डाटा ने कहा कि नेपाल एवं बांग्लादेश के रास्ते से आ रहे ड्यूटी फ्री तेल को तुरंत प्रभाव से रोका जावे तथा उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए सरसों डीओसी के निर्यात पर 15 फीसदी का इंसेंटिव दिया जाए।

<strong>उद्योग के प्रमुख सुझाव</strong>

1 आयातित खाद्य तेलों पर इम्पोर्ट ड़यूटी 20 फीसदी बढ़ाई जावे।

2 ड्यूटी बढ़ने पर ही देश तिलहन उत्पादन में आत्म निर्भर बन सकेगा।

3 नेपाल व बांग्लादेश के रास्ते आ रहे ड्यूटी फ्री तेल पर रोक लगाई जावे।

4 सरसों तेल उद्योग को प्रोत्साहन देने हेतु सरसों डीओसी के निर्यात पर 15 फीसदी इंसेंटिव दिया जावे।