रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ी खाद्य तेलों की कीमतें

देश भर में सरसों की दैनिक आवक 8 लाख बोरी के पार

जयपुर, 2 मार्च। देश की उत्पादक मंडियों में सरसों सीड की दैनिक आवक बढ़कर 8 लाख बोरी को पार कर गई है। इस बीच सरसों व सरसों तेल के भाव घटने का नाम नहीं ले रहे हैं। जयपुर मंडी में सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव बुधवार को 7400 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बोले गए। जानकारों के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते क्रूड एडीबल ऑयल एवं सनफ्लावर डेरिवेटिव्स के भाव निरंतर उछल रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन सहित विभिन्न देशों से क्रूड एडीबल ऑयल की सप्लाई बाधित हो रही है और कीमतें चढ़ रही हैं। पिछले लगभग डेढ़ साल से सरसों तेल, रिफाइंड तेल तथा अन्य खाद्य तेलों के भाव काफी महंगे हुए हैं। सरकार इन तेलों की कीमतों को काबू में रखने के लिए कई तरह के कदम निरंतर उठाती रही है। लेकिन अब रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई से तेल की कीमतों में और उछाल देखने को मिल रहा  है। राजधानी कृषि उपज मंडी स्थित अनुज ट्रेडिंग कंपनी के संचालक रोहित तांबी ने बताया कि रूस-यूक्रेन की लड़ाई आगे बढ़ने के साथ ही भारत में क्रूड एडीबल ऑयल की सप्लाई पर असर पड़ा है। भारत अपनी खाद्य तेल की 70 फीसदी जरूरत आयात के जरिये पूरी करता है। सनफ्लावर ऑयल के मामले में यह और भी अधिक है। ऐसे में यदि दोनों देश अगले चार-पांच दिन में लड़ाई खत्म नहीं करते हैं तो खाद्य तेल की सप्लाई पर असर देखने को मिलेगा तथा कीमतें और बढ़ सकती हैं। तांबी ने कहा कि रूस और यूक्रेन सनफ्लावर ऑयल की 90 फीसदी जरूरतों को पूरा करते हैं। सभी तेलों में सनफ्लावर ऑयल पर हमारी निर्भरता करीब 15 प्रतिशत है। इसी प्रकार देशी घी के भाव भी लगातार महंगे हो रहे हैं। बीते दो-तीन सप्ताह के दौरान ब्रांडेड देशी घी करीब 500 रुपए प्रति टिन महंगा हो गया है।