कोरोना वायरस का एक्सपोर्ट पर भी असर

जीरा निर्यात ठप, एक माह में 30 रुपए किलो की गिरावट

जयपुर, 16 फरवरी। चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इन दिनों चीन को जीरे का निर्यात ठप पड़ गया है। एक माह के दौरान जयपुर मंडी में जीरे की कीमतें 25 से 30 रुपए प्रति किलो तक टूट गई हैं। यही कारण है कि वर्तमान में मशीनक्लीन मीडियम जीरा 150 रुपए तथा बेस्ट मशीनक्लीन जीरा 165 रुपए प्रति किलो रह गया है। ज्ञात हो कि गुजरात देश में जीरे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। गुजरात की ऊंझा मंडी में जीरे का सबसे ज्यादा कारोबार होता है। भारत सालाना करीब डेढ़ लाख टन जीरा निर्यात करता है। इसमें करीब 50 हजार टन जीरा सिर्फ चीन को एक्सपोर्ट होता है। कोरोना वायरस की वजह से बीते एक माह से चीन को जीरे का निर्यात नहीं हो पा रहा है। परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीरे की कीमतें करीब 200 डालर प्रति टन टूट गई हैं। एनसीडैक्स पर भी जीरा मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध नीचे आकर 13545 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया है। जबकि एक माह पूर्व 13 जनवरी को एनसीडैक्स पर इसके भाव 15680 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे थे। इस प्रकार एक माह में एनसीडैक्स पर जीरा 2135 रुपए यानी 13.6 फीसदी टूट गया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में अप्रैल से दिसंबर तक भारत से कुल 1 लाख 62 हजार 94 टन जीरे का निर्यात किया गया। इसमें से चीन को जीरे का कुल निर्यात 43 हजार 196 टन हुआ। इस प्रकार भारत ने जीरे के अपने कुल निर्यात में चालू वित्तीय वर्ष के शुरुआती नौ माह में 26 फीसदी से अधिक जीरा चीन को भेजा है। इन आंकड़ों से अनुमान लगाया जा सकता है कि चीन की खरीदारी नहीं होने से भारत में जीरे के निर्यात पर कितना असर पड़ सकता है। जानकारों का कहना है कि जीरे की नई फसल होली बाद आ जाएगी।

इस साल जीरे की पैदावार पिछले साल के मुकाबले डेढ़ गुना बताई जा रही है। इसलिए कहा जा सकता है कि जीरे में फिलहाल लंबी तेजी के आसार समाप्त हो गए हैं।