एफसीआई के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक, तेजी नहीं

मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 1775 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर

जयपुर, 14 अगस्त। सरकारी एवं गैर सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक प्रचुर मात्रा में होने से इस साल गेहूं की कीमतों में तेजी के आसार नहीं हैं। वर्तमान में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं के भाव 1775 रुपए प्रति क्विंटल पर लगभग स्थिर बने हुए हैं। गेहूं की फसल आए लगभग पांच माह होने जा रहे हैं, मगर सीजन पर गेहूं के जो भाव खुले थे उससे भी नीचे भाव चल रहे हैं। मुहाना खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा नई बिक्री नीति एवं उदार उपभोक्ता नीति से देश के सभी राज्यों में मुफ्त गेहूं व चावल पिछले तीन-चार माह से लगातार पहुंच रहा है। लिहाजा गेहूं, आटा, मैदा एवं सूजी की जरूरत बहुत कम रह गई है। अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन से पहले चावल 25 रुपए किलो बिक रहा था, उसके भाव घटकर वर्तमान में 20 रुपए प्रति किलो के आसपास रह गए हैं।

देश में इस साल गेहूं का उत्पादन 1070 लाख टन के करीब हुआ है। केन्द्रीय पूल में 389 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। इस खरीद में मध्य प्रदेश एवं पंजाब का काफी योगदान रहा है। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि एफसीआई के पास वर्ष 2016 से 2018 के बीच का गेहूं प्रचुर मात्रा में होने से सरकार ने पुराना गेहूं 1840 रुपए प्रति क्विंटल में पिछले दिनों बेच दिया था। इससे भी गेहूं की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। वैसे भी इन दिनों ब्याह शादियों में मैदा व सूजी की डिमांड नहीं के बराबर है।