एफसीआई ने खुले बाजार में गेहूं दिए जाने की टेंडर प्रक्रिया शुरू की

ऊंचे भावों से 500 रुपए प्रति क्विंटल टूटा मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं

जयपुर, 2 फरवरीभारतीय खाद्य निगम द्वारा खुले बाजार में गेहूं दिए जाने की टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। यही वजह है कि गेहूं में गिरावट देखी जा रही है। ऊंचे भावों से दड़ा गेहूं मिल डिलीवरी 500 रुपए प्रति क्विंटल सस्ता हो चुका है। जयपुर मंडी में गुरुवार को दड़ा गेहूं के भाव 2700 रुपए प्रति क्विंटल रह गए। खुले बाजार में गेहुं बेचने के सरकारी फैसले के बाद पिछले सप्ताह जयपुर मंडी में गेहूं की कीमतें काफी नीचे आ गईं थी। हालांकि जानकारों का कहना है कि मिलों के पास 24 घंटे चलने लायक गेहूं उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा मंडियों में भी गेहूं की आवक कम हो रही है। डिमांड के मुकाबले गेहूं की उपलब्धता कम होने से गेहूं की कीमतों में गिरावट ज्यादा टिक नहीं पाएगी। इधर मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने कहा कि सरकार ने खुले बाजार में गेहूं देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके प्रभाव से गेहूं अभी और सस्ता हो सकता है। हरियाणा एवं पंजाब डिपो से 1 फरवरी से क्वालिटी अनुसार गेहूं 2350 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में टेंडर द्वारा बेचे जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इस बीच सभी रोलर फ्लोर मिलों एवं आटा चक्कियों को ये भरोसा है कि 1 फरवरी को टेंडर होने के बाद दूसरे दिन तक मिलों में गेहूं पहुंचने लगेगा। उधर गेहूं के अनुपात में मैदा, सूजी की कीमतों में गिरावट नहीं आई है। केन्द्र सरकार द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से 25 लाख टन गेहूं बेचने की घोषणा बाजार में मांग की तुलना में काफी कम है। इसलिए गेहूं की कीमतों में फिर से तेजी बनने से इन्कार नहीं किया जा सकता। गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट तभी टिकाऊ रह सकती है, जब सरकार ज्यादा मात्रा में खुले बाजार में बिक्री के लिए गेहूं उपलब्ध कराए। गेहूं की थोक कीमतें घटने के बावजूद खुदरा भावों में खास बदलाव नहीं आया है। खुदरा कीमतों में बदलाव नहीं होना ये दर्शाता है कि खुले बाजार में बिक्री के फैसले के बाद भी फिलहाल बाजार में अनिश्चितता का माहौल है।