आटे की उपलब्धता बढ़ी, ब्रांडेड की डिमांड नगण्य

उत्पादन नहीं होने से सूजी 40 रुपए किलो के पार

जयपुर, 23 अप्रैल। देश व्यापी लॉकडाउन के चलते इन दिनों सरकार एवं समाज सेवी संस्थाओं द्वारा गरीबों को गेहूं व आटे का लगातार वितरण किया जा रहा है। परिणामस्वरूप बाजार में ब्रांडेड आटे की डिमांड 75 फीसदी तक घट गई है। इस बीच राज्य की उत्पादक मंडियों में एक लाख बोरी से ज्यादा गेहूं प्रतिदिन उतर रहा है। जयपुर मंडी में मिल डिलीवरी रेन टच दड़ा गेहूं 1825 रुपए तथा विदाउट रेन टच के भाव 1925 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं। गणगौर आटे के निर्माता बेणीप्रसाद मंत्री ने बताया कि बाजार में आटे की भरपूर उपलब्धता बनी हुई है। वर्तमान में ब्रांडेड आटा 26 से 30 रुपए तथा अन ब्रांडेड के भाव 25 रुपए प्रति किलो के आसपास चल रहे हैं। कारोबारी मुकुल मित्तल ने कहा कि हाडौती क्षेत्र की मंडियों में गेहूं की अच्छी आवक होने के समाचार हैं। बारां मंडी में रोजाना 35 हजार कट्‌टे (50 किलो प्रत्येक) गेहूं की आमद हो रही है।

अलबत्ता इन दिनों मैदा की मांग घटने से सूजी का उत्पादन बहुत कम हो रहा है। परिणामस्वरूप खेरुज में सूजी के भाव 40 रुपए प्रति किलो के पार निकल गए हैं। बेणीप्रसाद ने बताया कि 100 किलो गेहूं से मात्र 10 किलो सूजी बनती है। बाकी 50 किलो मैदा, चोकर एवं तंदूरी आटे का उत्पादन होता है। गौरतलब है कि लॉकडाउन में सूजी की खपत ज्यादा हो रही है, जिससे इसके भाव काफी ऊंचे चल रहे हैं। मैदा की खपत नहीं होने से सूजी व चोकर का उत्पादन नहीं हो रहा है। लिहाजा एक माह के दौरान चोकर के भाव 400 रुपए प्रति क्विंटल उछल गए हैं। बाजार में चक्की एवं मिलों का चोकर 1950 से 2200 रुपए प्रति क्विंटल बेचा जा रहा है।