मैदा, सूजी की डिमांड नहीं, गेहूं में लगातार गिरावट

रोलर फ्लोर मिलों में 50 फीसदी ही उत्पादन

जयपुर, 27 अगस्त। वर्तमान में मैदा, सूजी की उपभोक्ता मांग काफी कम होने से गेहूं की कीमतें लगातार टूट रही हैं। एक सप्ताह के दौरान दड़ा गेहूं 40 रुपए और सस्ता हो गया। दड़ा गेहूं मिल डिलीवरी के भाव यहां गुरुवार को 1710 रुपए प्रति क्विंटल पर आ थमे। यही कारण है कि थोक बाजारों में ब्रांडेड सूजी 50 रुपए मंदी होकर 2550 रुपए तथा ब्रांडेड मैदा 2300 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बेची जा रही है। गेहूं की कीमतों में लगातार नरमी आने से मैदा, सूजी के भाव दबे हुए हैं। इस बीच मंडी सैस के विरोध में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के बैनर तले प्रदेश की 247 मंडियों में हड़ताल चलने से मंडियों में किसानी माल की आवक बंद है। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि मैदा व सूजी की कमजोर डिमांड की वजह से राज्य की रोलर फ्लोर मिलें अपनी क्षमता का 50 फीसदी उत्पादन ही कर पा रही हैं। कुछ व्यापारियों का कहना है कि गेहूं के ये भाव न्यूनतम स्तर पर आ चुके हैं। अब इससे ज्यादा मंदा नहीं आ पाएगा। मित्तल ने कहा कि चालू विपणन वर्ष में गेहूं का उत्पादन 1070 लाख टन के रिकार्ड स्तर पर हुआ है। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 35 लाख टन अधिक है। पैदावार ज्यादा होने तथा मांग नगण्य होने से गेहूं में गिरावट को बल मिल रहा है। देश में गेहूं का उत्पादन अधिक होने से लॉकडाउन में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सरकारी एजेंसियों ने गेहूं खरीद के सभी रिकार्ड तोड़ दिए। सरकार ने 1925 रुपए प्रति क्विंटल में गेहूं की खरीद की थी। जो कि गत वर्ष की अपेक्षा एजेंसियों ने एमएसपी से 85 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा कीमत पर गेहूं की खरीदा था।