दलहन, तिलहन की बिक्री पर सात गुना ब्रोकरेज चुका रही सरकार

जयपुर 11 फरवरी। सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदी दलहन व तिलहन की बिक्री के लिए एक एजेंसी को सात गुना ब्रोकरेज चुका रही है। जिसका व्यापारी भारी विरोध कर रहे हैं। चूंकि पूर्व में सरकार ब्रोकर्स के माध्यम से एक रुपए प्रति क्विंटल की ब्रोकरेज देकर दलहन व तिलहन की बिक्री कर रही थी। जिसे अब उलटकर एक एजेंसी एनईएमएल को सात गुना ब्रोकरेज देकर फसल की बिक्री की जा रही  है। जयपुर दाल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबूलाल गोयल तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन अग्रवाल ने सरकार को भेजे ज्ञापन में कहा है कि दो वर्ष पूर्व दलहन व तिलहन की बिक्री लोकल ब्रोकर्स के माध्यम से एक रुपए प्रति क्विंटल की दर से की जाती थी, जो कि अब एक निजी एजेंसी एनईएमएल को सात गुना (7 रुपए प्रति क्विंटल) ब्रोकरेज देकर की जा रही है। मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्येशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने कहा कि सरकार की इस नई प्रक्रिया से व्यापारियों पर अधिक भार पड़ रहा है। गौरतलब है कि यदि केन्द्र सरकार इन एजेंसियों के माध्यम से 30 से 35 लाख टन तिलहन व दलहन की बिक्री सात रुपए प्रति क्विंटल की दर से करती है, तो करीब 25 करोड़ रुपए का भुगतान व्यापारियों को अलग से करना होगा। जयपुर बिल्टीकट दलाल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश खंडेलवाल तथा मंत्री जीतमल बागरेचा ने बताया कि नेफैड की इस प्रक्रिया से देश भर में लगभग 600 दलाल बेराजगार हो गए हैं। इसके अलावा करोड़ों रुपया एक ही एजेंसी को जा रहा है, जो कि सरासर अन्याय है। व्यापारियों का कहना है कि नेफैड या तो माल की बिक्री ब्रोकर्स के माध्यम से करे, या फिर एजेंसी की ब्रोकरेज भी सात रुपए से घटाकर एक रुपया प्रति क्विंटल की जावे।