स्टार्च कंपनियों की लिवाली से मक्का के भाव नई ऊंचाई पर

पौल्ट्री फार्म्स के लिए 2600 से 2650 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही मक्का

ऊंचे भावों पर मांग कमजोर, मंदी के संकेत

जयपुर, 24 अगस्त। स्टार्च कारखानों की लिवाली के चलते मक्का की कीमतें इन दिनों नई ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। हालांकि ऊंचे भावों पर ग्राहकी कमजोर होने से मक्का के भावों में 50 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट भी आई है। बुधवार को जयपुर मंडी में मक्का 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बोली गई। पौल्ट्री फार्म्स के लिए मक्का 2600 से 2650 रुपए प्रति क्विंटल बेची जा रही है। गुजरात में मक्का के भाव 2550 रुपए के आसपास बोले जा रहे हैं। भारत में गेहूं चावल के बाद मक्का तीसरी महत्वपूर्ण फसल के तौर पर विकसित हो रही है। मुर्गी पालन क्षेत्र में मक्का की बढ़ती डिमांड को देखते हुए किसानों को अच्छा फायदा होने की संभावना है। अधिकारिक जानकारी के अनुसार पिछले आठ वर्ष के दौरान मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 43 प्रतिशत बढ़ाया गया है। इसके साथ ही मक्की का उत्पादन बढ़ने से किसानों को काफी लाभ पहुंचा है। भोजन के साथ ही मुर्गी पालन एवं एथेनाल उत्पादन सहित विभिन्न क्षेत्रों में मक्की का इस्तेमाल होने से न केवल भारत में बल्कि विश्व में भी इस फसल की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए मक्का का एमएसपी 1962 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जबकि वर्तमान में मक्की का बाजार भाव 2500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है। यानी मक्का एमएसपी से लगभग 600 रुपए प्रति क्विंटल ऊंची बिक रही है। राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा स्थित ब्रोकर विजय माहेश्वरी ने बताया कि वर्ष 2021-22 में भारत में 33 मिलियन टन मक्का की पैदावार हुई थी, जबकि वर्ष 2022-23 में 31.50 मिलियन टन मक्की का उत्पादन होने का अनुमान है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं आंध्र प्रदेश में नई मक्का की आवक अक्टूबर से प्रारंभ होगी। वैसे भी मक्का के भाव चावल एवं बाजरे से भी महंगे हो गए हैं। लिहाजा पौल्ट्री फार्म्स एवं स्टार्च मिलों में मक्का की डिमांड घट गई है। परिणामस्वरूप में मक्का के भावों में आगे मंदी के आसार हैं। स्टॉकिस्टों की बिकवाली के कारण भी वर्तमान में मक्का के भाव नीचे आ गए हैं।