उत्तर भारत की डेयरियों में दूध पाउडर का उत्पादन बंद

डिमांड नहीं होने से एसएमपी में लंबी तेजी के आसार नहीं

जयपुर, 14 मई। कोविड-19 की वजह से देश भर में लॉकडाउन के चलते स्किम्ड् मिल्क पाउडर (एसएमपी) में इन दिनों हलवाई, विवाह, रेस्टोरेंट एवं आइसक्रीम निर्माताओं की डिमांड लगभग नगण्य रह गई है। परिणामस्वरूप अधिकांश डेयरी प्लांटों में दूध पाउडर का उत्पादन ही बंद हो गया है। यही कारण है कि इसके भावों में निरंतर गिरावट देखी जा रही है। हालांकि शुक्रवार को इसकी कीमतों में 10 रुपए प्रति किलो का मामूली सुधार आया है। गौरतलब है कि महान फूड्स का बंगाल टाईगर एसएमपी 310 रुपए प्रति किलो बिककर 260 रुपए आ गया था। वर्तमान में इसके भाव 270 रुपए प्रति किलो के आसपास बोले जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि उत्तर भारत के 95 फीसदी प्लांटों में दूध पाउडर का उत्पादन बंद हो गया है। देशी घी में भी सुस्ती बनी हुई है। वास्तविकता यह है कि दूध पाउडर में हलवाईयों की मांग जीरो रह गई है। होटल, रेस्टोरेंट तथा मिठाई की दुकानें बंद होने से मिल्क पाउडर की खपत लगभग नहीं के बराबर है। यही कारण है कि निर्माता कंपनियों और स्टॉकिस्टों ने औने-पौने दामों पर दूध पाउडर की बिकवाली शुरू कर दी थी। उधर दूध पाउडर में निर्यातकों की मांग भी निल रह गई है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल तथा बंगाल आदि राज्यों के बंदरगाहों पर कामगारों की भारी कमी हो गई है। इन परिस्थितियों में दूध पाउडर की कीमतों में फिलहाल लंबी तेजी के आसार नहीं हैं।