एमएसपी से कम दामों पर सरसों नहीं बेचेगी नाफैड

मंडियों में आवक घटने से सीड में 100 रुपए का उछाल

जयपुर, 19 अगस्त। खाने के तेलों में त्योहारी मांग निकलने तथा मंडियों में आवक घटने से इन दिनों सरसों सीड के भाव फिर उछल गए हैं। सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन 100 रुपए महंगी होकर वर्तमान में 4200 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिकने लगी है। एक अनुमान के मुताबिक व्यापारियों एवं किसानों की करीब 70 फीसदी सरसों बाजार में आ चुकी है। इस बीच नेशनल एग्रीकल्चर कॉपरेटिव मार्केटिंग फैडरेशन ऑफ इंडिया (नाफैड) एमएसपी से कम दामों पर सरसों बेचने के लिए तैयार नहीं है। वर्तमान में सरसों का एमएसपी 4200 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि मंडियों में सरसों के दाम 3900 रुपए प्रति क्विंटल के करीब चल रहे हैं। यानी सरसों सीड अभी भी एमएसपी से 300 रुपए प्रति क्विंटल नीचे बिक रही है।

नाफैड के जयपुर स्थित ब्रांच मैनेजर विनय कुमार ने बताया कि हम एमएसपी से कम दामों पर सरसों की बिकवाली नहीं करेंगे। इसे देखते हुए सरसों में अब और तेजी को बल मिलेगा। उधर मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने आरोप लगाया है कि रिफाइंड पाम ऑयल की बढ़ती शिपमेंट ने स्थानीय रिफाईनरियों को खासा प्रभावित किया है। एसोसिएशन ने जांच के लिए डायरेक्टर  जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) को इस संबंध में एक आवेदन दिया है। डायरेक्टर जनरल ने एक बयान में कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि जांच के तहत पाम ऑयल के आयात ने घरेलू रिफाईनरियों को काफी नुकसान पहुंचाया है। जांच एजेंसी ने कंपनियों को एक माह के भीतर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि बीते जुलाई माह में वनस्पति तेलों का आयात 26 फीसदी बढ़कर 14.12 लाख टन पर पहुंच गया है। यह मई 2013 के बाद का उच्चतम स्तर है। सॉल्वेंट एसोसिएशन ने कहा कि दिसंबर 2018 के दौरान कुल आयात में आरबीडी पामोलिन का हिस्सा 10 फीसदी था, जो अब जुलाई 2019 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया है। ध्यान रहे पिछले एक साल में वैश्विक बाजारों में पाम तेल की कीमतों में 10 से 16 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।