एमएसपी से कम दामों पर सरसों नहीं बेचेगी नाफेड

1 देश में अब तक 4.50 लाख टन की खरीद हुई

2 जून तक 17 लाख टन सरसों खरीद का लक्ष्य

नई दिल्ली, 9 मई। नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फैडरेशन ऑफ इंडिया (नाफैड) इस साल देश में करीब 17 लाख टन सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदेगी। यह एजेंसी देश में अभी तक लगभग 4.50 लाख टन सरसों की खरीद एमएसपी पर कर चुकी है। वर्तमान में सरसों का एमएसपी 4200 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि मंडियों में सरसों के भाव 3400 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहे हैं। मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव कुमार चढ्‌ढा ने बताया कि सरसों की खरीद जून के अंत तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि किसानों को डरने की जरूरत नहीं है। चुनावों के कारण खरीद में थोड़ा विलंब अवश्य हुआ है, लेकिन अब खरीद की रफ्तार बढ़ा दी गई है। एमडी ने कहा कि सिर्फ नाफेड ही सरसों की खरीद कर रही है, इसके लिए स्टेट एजेंसियों को भी सामने आना चाहिए, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके।

गौरतलब है कि इस समय स्टॉकिस्ट भी सरसों की खरीदारी से दूरी बनाए हुए है। इस कारण भी सरसों के भाव नहीं बढ़ पा रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं नाफेड एमएसपी से नीचे सरसों की बिकवाली नहीं कर दे। इस प्रश्न के जवाब में चढ्‌ढा ने कहा कि हम एमएसपी से कम भाव पर सरसों नहीं बेचेंगे। नाफेड तो फायदे से ही सरसों की बिकवाली करना चाहेगी। बता दें इस साल देश में 85 लाख टन सरसों उत्पादन का पूर्वानुमान व्यापारिक संगठनों ने लगाया था, मगर अब मंडियों में सरसों की दैनिक आवक को देखते हुए देश में 75 लाख टन से अधिक सरसों की पैदावार नहीं लग रही है। देश की मंडियों में इन दिनों सरसों की दैनिक आवक घटकर दो से ढ़ाई लाख बोरी रह गई है।