उत्पादक मंडियों में मार्च के अंत तक आ सकता है नया गेहूं

रोलर फ्लोर मिलों में गेहूं का स्टॉक नगण्य, तेजी के आसार

जयपुर, 8 फरवरी। इस साल नया गेहूं मार्च के अंत तक आने की संभावना है। विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश एवं ठंड लंबे समय तक रहने से गेहूं के दाने पकने में विलंब हो सकता है। इसके अलावा इस बार किसानों ने गेहूं की जगह सरसों की बिजाई अधिक की है। परिणामस्वरूप गेहूं में इस बार अच्छी तेजी के आसार बन सकते हैं। हालांकि जयपुर मंडी में मंगलवार को मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं के भाव 2175 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बने हुए थे। चांदपोल मंडी स्थित गणपति ब्रोकर एजेंसी के अमित अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं का स्टॉक काफी कम रह गया है। हरियाणा तथा पंजाब में पहले ही किसानों का गेहूं केन्द्रीय पूल में चला गया है। इसे देखते हुए गेहूं में फिलहाल मंदी के आसार नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि नेपाल, बंग्लादेश एवं श्रीलंका सहित दक्षिण भारत की मिलों में गेहूं का स्टॉक ज्यादा नहीं बचा है। राजस्थान की उत्पादक मंडियों में भी गेहूं की दैनिक आवक नगण्य रह गई है। उधर मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की मंडियों में रैक वालों की डिमांड रुक-रुककर बनी हुई है। जिससे वहां गेहूं महंगा बोला जा रहा है। अमित ने कहा कि यूपी-एमपी की मंडियों में रैक लोडिंग के अनुकूल गेहूं नहीं मिल रहा है। परिणामस्वरूप ट्रकों से व्यापार होने लगा है। चूंकि ट्रक भाड़े रैक की तुलना में महंगे होने से आने वाले गेहूं के पड़ते ऊंचे लग रहे हैं।