बल्क में डिमांड नहीं, कंपनियों के पास बढ़ रहा घी का स्टॉक

होलसेल में 5200 रुपए प्रति टिन बिका पारस घी

जयपुर, 26 अप्रैल। डेयरियों में दूध की सप्लाई अधिक होने से इन दिनों घी का उत्पादन बढ़ गया है। इसके विपरीत बल्क (टिनों) में देशी घी की डिमांड लगभग खत्म हो गई है। यही कारण है कि कंपनियों के पास घी का स्टॉक जमा होता जा रहा है। कंपनियां भाव घटाकर घी की बिक्री कर रही हैं। गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण ब्याह-शादियां, धार्मिक समारोह, मिठाई की दुकानें एवं अन्य आयोजनों पर रोक के चलते बल्क में घी की लिवाली नगण्य रह गई है। मंदिर बंद होने से वहां भी घी की सप्लाई ठंडी पड़ी है। वर्तमान में छोटी पैकिंग यानी एक एवं आधा लीटर में घी की मांग बनी हुई है। ब्रोकर दिनेश जाजू ने बताया कि वर्तमान में दूध के दाम घटकर 30 रुपए प्रति किलो के आसपास आ गए हैं, जबकि इसी साल फरवरी में दूध 53 रुपए प्रति किलो बिक गया था।

कॉपरेटिव डेयरी सरस एवं अमूल ने अभी भी दूध के रेट कम नहीं किए हैं। जबकि लॉकडाउन की बंदिशों में दूध की बिक्री अपेक्षाकृत कम हो रही है। होलसेल में आरसीडीएफ का सरस घी 7150 रुपए प्रति 15 किलो बेचा जा रहा है, जबकि निजी डेयरी का कृष्णा घी 5805 रुपए प्रति 15 किलो टिन में उपलब्ध है। इसी प्रकार पारस घी के भाव 5200 रुपए प्रति टिन रह गए हैं। दूसरी ओर स्मॉल पैकिंग में एक लीटर कृष्णा घी होलसेल में 360 रुपए, मिल्कफूड 396 रुपए, महान 375 रुपए तथा लोटस 370 रुपए बेचा जा रहा है। ऊंचे भावों से स्मॉल पैकिंग के दामों में भी 15 से 20 रुपए प्रति लीटर की मंदी दर्ज की गई है।