खुदरा में 80 रुपए प्रति किलो बिकने लगा प्याज

लासलगांव में प्याज चार साल के उच्चतम स्तर पर

जयपुर, 6 नवंबर। आम आदमी की थाली से अब प्याज पूरी तरह से गायब होता जा रहा है। खेरुज में एक दिन पूर्व तक 50 से 60 रुपए प्रति किलो बिकने वाला प्याज बुधवार को अचानक 20 रुपए उछलकर 80 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। जयपुर की मुहाना मंडी में थोक प्याज के दाम 55 से 60 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं। लगातार बारिश के कारण भी प्याज की कीमतों में मजबूती देखी जा रही है। जयपुर फल व सब्जी थोक विक्रेता संघ मुहाना टर्मिनल मार्केट के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि मुहाना मंडी में नासिक का प्याज आना बंद हो गया है। हालांकि अलवर, अजमेर एवं कोल्हापुर से नए प्याज की आमद शुरू हो गई है। तंवर ने कहा कि जयपुर मंडी में छोटी-बड़ी मिलाकर करीब 50 गाड़ी प्याज प्रतिदिन उतर रहा है। आवक के मुकाबले उपभोक्ता मांग अधिक होने से प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं।

उधर महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज के दाम 10 फीसदी उछलकर चार साल के उच्चतम स्तर 55 रुपए प्रति किलो को पार कर गए हैं। यही कारण है कि खुदरा में प्याज के दाम 100 रुपए प्रति किलो के स्तर तक पहुंचने की ओर तेजी से अग्रसर हो रहे हैं। पिछले तीन माह के दौरान थोक बिक्री में प्याज के दामों में चार गुना तक इजाफा देखा गया है। इसी साल अगस्त की शुरुआत में 13 रुपए प्रति किलो थोक में बिकने वाला प्याज अब 55 रुपए प्रति किलो बिक गया है। कारोबारियों ने प्याज के दामों में अचानक आई इस तेजी के लिए पिछले साल के उत्पादन की बहुत कम उपलब्धता, देश में बेमौसम बारिश के कारण फसल में नुकसान और सरकार की प्रतिकूल नीतियों को जिम्मेदार बताया है। जानकारों का कहना है कि अक्टूबर व नवंबर में हुई बारिश के परिणामस्वरूप खरीफ में बोई गई प्याज की फसल को अब तक काफी नुकसान पहुंचा है। लिहाजा नई किस्म की प्याज अभी उपलब्ध नहीं है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में नया प्याज मंडियों में पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी। मगर बारिश के चलते ऐसा नहीं हो सका। यही कारण है कि प्याज की तेजी कहां जाकर थमेगी नहीं कहा जा सकता।