स्टॉक सीमा लगने से घटेंगे खाद्य तेलों के दाम

खाद्य तेल व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक सीमा लागू

जयपुर, 11 अक्टूबर। खाद्य तेल उपभोक्ताओं के लिए दिवाली का त्योहार खुशखबरी लेकर आया है। सरकार ने घरेलू बाजार में खाने के तेलों में नरमी लाने के लिए खाद्य तेल व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक सीमा लगा दी है। इससे घरेलू बाजार में खाने के तेलों में जोरदार गिरावट आने की संभावना है।  हालांकि कुछ आयातक एवं निर्यातकों को इससे छूट दी गई है। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडैक्स) मंच पर 8 अक्टूबर से सरसों तेल के वायदा कारोबार पर पहले ही रोक लगा दी गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल के दौरान खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों के दाम करीब 46 फीसदी तक उछल गए हैं। वैश्विक कारणों के अलावा घरेलू बाजार में आपूर्ति प्रभावित होने से खाने के तेलों में रिकार्ड तेजी आ गई है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केन्द्र के इस फैसले से घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में मंदी आएगी। इससे देश भर के उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। सभी राज्यों को जारी आदेश के अनुसार राज्य सरकारें तथा संघ शासित प्रदेश उपलब्ध स्टॉक तथा उपभोग के रूख के आधार पर खाद्य तेलों तथा तिलहनों के भंडारण की सीमा पर फैसला करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि कुछ आयातकों तथा निर्यातकों को स्टॉक सीमा से छूट दी गई है। यह छूट उन निर्यातकों को होगी जिनके पास विदेश व्यापार महानिदेशालय की ओर से जारी आयातक-निर्यातक कोड होगा और वे यह बता सकेंगे कि उनके पास पूरा या कुछ स्टॉक निर्यात के उद्देश्य से है।

मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमतों से घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों के भाव बढ़े हैं। उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सोया तेल का औसत दाम इस साल 9 अक्टूबर को 155 रुपए प्रति किलो था, जो कि एक साल पहले की समान अवधि के 106 रुपए से 46 फीसदी ज्यादा है। इसी प्रकार सरसों तेल के भाव 129 रुपए से 43 प्रतिशत बढ़कर 185 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। इस अवधि में वनस्पति का दाम 43 फीसदी उछलकर 95 रुपए से 137 रुपए प्रति किलो हो गया है। सूरजमुखी का तेल 39 प्रतिशत बढ़कर 170 रुपए तथा पाम तेल 38 फीसदी बढ़कर 132 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। ध्यान रहे भारत अपनी 60 फीसदी खाद्य तेल जरूरत को आयात से पूरी करता है।