कोटा तीन लाख टन कम, फिर भी चीनी सस्ती

जयपुर, 5 फरवरी। सरकार ने फरवरी माह का चीनी का कोटा जनवरी की अपेक्षा तीन लाख टन कम जारी किया है। इस लिहाज से चीनी की कीमतों में तेजी आनी चाहिए थी। मगर चीनी के दाम बढ़ने की बजाए टूट गए हैं। इसका मुख्य कारण चीनी की उपभोक्ता डिमांड कमजोर होना बताया जा रहा है। जयपुर मंडी में हाजिर चीनी के थोक भाव शुक्रवार को 3450 से 3550 रुपए प्रति क्विंटल जीएसटी पेड पर 70 रुपए प्रति क्विंटल दबे हुए थे। महेश कुमार एंड कंपनी के महेश अग्रवाल ने बताया कि जनवरी में चीनी का कोटा 20 लाख टन आया था, जबकि इस माह फरवरी में सरकार ने 17 लाख टन कोटा जारी किया है। उधर क्रैशरों पर गन्ने के ऊंचे भाव होने से चीनी मिलों में गन्ने की आपूर्ति घट गई है। फरवरी माह शुरू होने के बावजूद अभी तक उत्तर प्रदेश की मवाना, मोदी, सकौती, सिंभावली तथा सरसावा के अलावा महाराष्ट्र की चीनी मिलों में गन्ने का दबाव पिछले साल की अपेक्षा 22 फीसदी कम है। परिणामस्वरूप चीनी का उत्पादन पूर्व अनुमान से कम रहने की संभावना दिखाई दे रही है। हालांकि चीनी के एक बड़े संगठन इस्मा के अनुसार चीनी उत्पादन पिछले साल की तुलना में अधिक पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस बार देश में चीनी का उत्पादन 280 लाख टन को पार कर पाना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।