लालमिर्च : आवक बढ़ने से 10 रुपए प्रति किलो की नरमी

334 डंडीकट 280, वंडरहाट डंडीकट मिर्च 350 रुपए किलो बिकी

हाल ही में आई तेजी के बाद किसानों की लालमिर्च में बिक्री बढ़ी

जयपुर, 2 अगस्त। देश की प्रमुख उत्पादक मंडियों में इन दिनों लालमिर्च की आवक बढ़ने से इसकी कीमतों में 10 रुपए प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई है। देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में भी अच्छी बारिश की खबरें मिल रही हैं। बारिश के चलते लालमिर्च की उपभोक्ता मांग में नरमी के कारण भी भावों में मंदी को बल मिल रहा है। राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा स्थित प्रमुख फर्म बद्रीनारायण माधोलाल के लक्ष्मीनारायण डंगायच ने बताया कि वर्तमान में 334 डंडीकट 280 रुपए तथा वंडरहाट डंडीकट लालमिर्च के भाव 350 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं। गुंटूर तेजा पत्ता मिर्च 160 रुपए प्रति किलो बेची जा रही है। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना देश में लालमिर्च के सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं। इन दोनों राज्यों में हाल ही में हुई अच्छी बारिश के कारण लालमिर्च की नई फसल में फिलहाल कोई भी नुकसान की खबर नहीं है। अलबत्ता हाल ही में आई तेजी के बाद किसानों की लालमिर्च में बिक्री बढ़ गई है। यही कारण है कि गुंटूर मंडी में लालमिर्च की दैनिक आवक बढ़कर वर्तमान में 60 हजार बोरी पहुंच गई है। आवक बढ़ने से उठाव तुलनात्मक रूप से घटा है, लिहाजा भावों में गिरावट देखने को मिल रही है। जानकारों का कहना है कि भविष्य में ऊंची कीमत मिलने की उम्मीद से आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के किसानों ने बीते कुछ समय से लालमिर्च की बिक्री सीमित कर दी थी। यही कारण रहा कि इस बार नई फसल शुरू होने के बाद भी हाजिर में इस प्रमुख किराना जिंस की कीमतें ऊंची बनी हुई थीं। हैरानी की बात तो यह है कि सीजन के प्रारंभ से लेकर अभी तक किसानों द्वारा भारी बिकवाली बढ़ाए जाने के बाद भी गुंटूर समेत अन्य बड़ी मंडियों में लालमिर्च के भाव अपेक्षाकृत मजबूत ही चल रहे हैं।