मस्टर्ड केक महंगी होने से सीड में और तेजी के संकेत

एमएसपी बढ़ने से भी सरसों में रहेगी मजबूती

जयपुर, 31 अक्टूबर। मस्टर्ड केक के भाव बढ़ने से सरसों सीड में और तेजी के संकेत हैं। सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव वर्तमान में 4425 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास मजबूत बने हुए हैं। हालांकि लूज मंडियों में सरसों का भाव 4130 रुपए प्रति क्विंटल के लगभग चल रहा है। नाफैड द्वारा सरसों की बिक्री एमएसपी से कम भावों पर नहीं किए जाने तथा केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही सरसों का एमएसपी आने वाले सीजन के लिए 225 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाए जाने से भी सरसों सीड में मंदी के आसार समाप्त हो गए हैं। ब्रोकर सुरेश खंडेलवाल ने बताया कि बाजार में सरसों खल की उपलब्धता नहीं होने से सरसों खल निरंतर उछल रही है। जयपुर मंडी में गुरुवार को सरसों खल प्लांट का 2130 रुपए प्रति क्विंटल में व्यापार हो गया।

ज्ञात रहे वर्तमान में सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4200 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है, जबकि केन्द्र सरकार ने आगामी सीजन के लिए सरसों का एमएसपी 225 रुपए बढ़ाकर 4425 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। इस कारण भी सरसों सीड में तेजी का माहौल देखा जा रहा है। इस बीच भारत सरकार द्वारा मलेशिया से पाम तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने की चर्चा भी बाजार में गर्म है। लिहाजा यदि ऐसा होता है तो सरसों सीड के भाव बेलगाम हो सकते हैं।

इधर घरेलू बाजार में सोयाबीन की नई फसल आना प्रारंभ हो गया है। देश में सोयाबीन के कम उत्पादन तथा अमेरिका व चीन के बीच कारोबार में स्पष्टता नहीं होने के कारण सोयाबीन के भावों में तेजी आने के संकेत हैं। सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में वर्ष 2019 के दौरान सोयाबीन का कुल उत्पादन करीब 40 लाख टन रहने का अनुमान है, जो कि पिछले साल की तुलना में 31 फीसदी कम है। महाराष्ट्र व राजस्थान में भी सोयाबीन की पैदावार कम रहने वाली है। जानकारों के अनुसार सोयाबीन उत्पादक राज्यों में जरूरत से ज्यादा बारिश के कारण फसल को भारी नुकसान हुआ है। इस कारण भी सरसों सीड के भावों में मजबूती बनी रहेगी।