पैदावार कम होने से काबली चने में तेजी के संकेत

जल्द ही 5700 रुपए प्रति क्विंटल बिक सकता है सच्चा हीरा

जयपुर, 17  जुलाई। इस वर्ष घरेलू उत्पादन कम होने तथा आयात घटने से स्थानीय थोक मंडियों में काबली चने के भावों में तेजी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। हालांकि एक सप्ताह के दौरान काबली चने में सिर्फ 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आई है। राजधानी कृषि उपज मंडी में बदाम क्वालिटी काबली चना 5300 रुपए तथा सच्चा हीरा 5450 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूती लिए हुए है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में इस साल काबली चने का उत्पादन 18 लाख टन के आसपास होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल देश में 20 लाख टन काबली चने की पैदावार हुई थी। इसके अलावा 7 लाख टन काबली चना कनाड़ा व अन्य देशों से आयात होता है, वह भी इस साल 2 लाख टन ही रह जाने का अनुमान है।

शुभम ब्रोकर्स के पिन्टू अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में काबली चने का किसी भी मंडी में विशेष स्टॉक नहीं है और ना ही ज्यादा कारोबार हुआ है। इन सबके बावजूद बाजारों में धन की तंगी एवं कोरोना महामारी के कारण पिछले चार माह से मंडियों में 75 फीसदी व्यापार नहीं होने से कीमतों में कोई उल्लेखनीय फेरबदल नहीं हुआ है। जानकारों का कहना है कि रेल मार्ग चालू होने के बाद काबली चने में संभवतया अच्छी तेजी की उम्मीद है। देश में 70 फीसदी काबली चने का उत्पादन मध्य प्रदेश एवं कर्नाटक में होता है। शेष 30 फीसदी काबली महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश में होता है। इस बार मौसम प्रतिकूल होने से काबली चने की तैयार फसल को काफी नुकसान हुआ है। इस बीच सीजन में आयातकों को भी हानि उठानी पड़ी है। इसलिए कहा जा सकता है कि इस माह के अंत तक काबली चने में 250 से 300 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है।