एक्सपोर्ट बढ़ने से जीरे में तेजी के संकेत

स्पाइस बोर्ड के अनुसार इस साल 2.10 लाख टन जीरे का निर्यात

जयपुर, 24 अगस्त। एक्सपोर्ट बढ़ने की खबरें आने से जीरा महंगा होने के आसार हैं। स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 के दौरान देश से 2.10 लाख टन जीरे का निर्यात हुआ है, जो कि पिछले साल की तुलना में करीब 50 हजार टन अधिक है। गुजरात के कारोबारी अश्विन नायक ने बताया कि बिजाई से पहले जीरे में तेजी के संकेत हैं। हालांकि जयपुर मंडी में वर्तमान में जीरे के भाव पिछले एक माह से लगभग स्थिर बने हुए हैं। होलसेल में मशीनक्लीन मीडियम जीरा 140 रुपए तथा बेस्ट मशीनक्लीन जीरा 164 रुपए प्रति किलो बेचा जा रहा है। कोरोना को देखते हुए जीरे की उपभोक्ता मांग भी बढ़ी है। यद्दपि निर्यात आंकड़े आने के बाद भी जीरे की कीमतों में कोई उल्लेखनीय फेरबदल नहीं हुआ है। जानकारों का कहना है कि सितंबर के पहले सप्ताह में जीरे की खपत बढ़ने के बाद इसमें 200 से 300 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है। उधर ऊंझा मंडी में जीरे की दैनिक आवक बारिश के दिनों को छोड़कर 12 हजार बोरी बताई जा रही है। वैसे देखा जाए तो व्यापारिक लॉकडाउन के बाद से ऊंझा मंडी में जीरे की थोक कीमतों में कमोबेश स्थिरता ही बनी हुई है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा जीरा उत्पादक एवं निर्यातक देश है। कुछ व्यापारियों का कहना है कि अभी तक जीरे की थोक कीमतें एक सीमित दायरे में बनी होने के कारण आने वाले सीजन में जीरे की बिजाई घट सकती है। लिहाजा यह कहा जा सकता है कि बिजाई के बाद जीरे में अच्छी तेजी का अनुमान है।