बारिश की कमी से बाजरे की बिजाई घटी, तेजी के आसार

जयपुर मंडी में 1420 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा बढ़िया माल

जयपुर, 25  जुलाई। उत्पादन केन्द्रों पर बारिश की खेंच चलने से इन दिनों बाजरे की बिजाई काफी कम हुई है। एक अनुमान के अनुसार राजस्थान में अभी तक बाजरे की बुआई 50 फीसदी से भी कम क्षेत्रफल में होने के समाचार हैं। उधर उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा में भी बिजाई बारिश के कारण पिछड़ गई है। बिहार में मक्का की बंपर पैदावार होने से किसानों का बाजरे की ओर रुझान कम है। यही कारण है कि बाजरे में फिर से तेजी बनने लगी है। जयपुर मंडी में बढ़िया बाजरा शनिवार को 1420 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूती लिए हुए था। उत्तर प्रदेश का बाड़मेर डिलीवरी बाजरा 1500 रुपए प्रति क्विंटल बोला जा रहा है। राजलक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी के आर.पी. शर्मा ने बताया कि करीब दो सप्ताह पूर्व नीचे में बाजरा 1300 रुपए प्रति क्विंटल बिक चुका है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल देश में बाजरे का उत्पादन 150 लाख टन के आसपास हुआ था। मगर सरकारी खरीद 2000 रुपए प्रति क्विंटल में होने तथा सीजन में ही स्टॉकिस्टों की लिवाली चलने से राजस्थान एवं हरियाणा की मंडियों में अक्टूबर में बाजरा 1900 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बिक गया था। जो इस समय ऑफ सीजन में इसके भाव 1400 रुपए प्रति क्विंटल के करीब रह गए हैं। जानकार बताते हैं कि सीजन में आई तेजी हमेशा नुकसान देती है। इसके अलावा हैफेड ने एमएसपी पर 2000 रुपए प्रति क्विंटल का बाजरा खरीदकर बाद में घटा-घटाकर 1450 रुपए प्रति क्विंटल तक नीचे में टैंडर द्वारा माल बेच दिया था। परिणामस्वरूप पूरे साल मंदे का दलदल होने से व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। राजस्थान में नए बाजरे की आवक सामान्यतया सितंबर में हो जाती है। मगर इस बार यह अक्टूबर में आने की संभावना है।