एक सप्ताह में 75 रुपए प्रति क्विंटल टूटी सोया सीड

बिजाई घटने से सोयाबीन में लंबी मंदी के आसार नहीं

जयपुर, 2 अगस्त। देश में अग्रणी सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में हाल ही अच्छी मानसूनी बारिश हुई है। मगर सोयाबीन की बिजाई इस साल पिछड़ने के आसार हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में इस बार 40.81 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बिजाई हुई है, जबकि पिछले साल 44.41 लाख हैक्टेयर में बुआई हुई थी। इसी प्रकार महाराष्ट्र में भी गत वर्ष के 27.97 लाख हैक्टेयर के मुकाबले इस साल 23.12 लाख हैक्टेयर में बिजाई हुई है। जो कि करीब 20 फीसदी कम है। राजस्थान में भी सोयाबीन की बिजाई लगभग 5 फीसदी कमजोर बताई जा रही है।

राजकोट के अग्रणी कारोबारी गोविंद भाई पटेल कहते हैं कि पिछले साल देश में 102 लाख टन सोयाबीन पैदा हुआ था, जबकि इस साल 95 लाख टन सोया उत्पादन का अनुमान है। नई सोयाबीन सितंबर लास्ट या अक्टूबर के पहले सप्ताह में आने के आसार हैं। कोटा के प्रमुख कारोबारी विशाल गर्ग ने बताया कि वर्तमान में डिमांड नहीं होने से हालांकि सोयाबीन के भावों में गिरावट दर्ज की गई है। एक सप्ताह के दौरान कोटा प्लांट डिलीवरी सोयाबीन 75 रुपए मंदी होकर 3575 रुपए प्रति क्विंटल रह गई है। उन्होंने कहा कि देश में कम बिजाई को देखते हुए सोयाबीन में लंबी मंदी के आसार नहीं हैं।

सोयाबीन का एमएसपी 311 रुपए बढ़कर 3710 रुपए प्रति क्विंटल हो जाने से भी बाजार की धारणा में बदलाव आने की संभावना है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में सोयाबीन की कुल 79.82 लाख हैक्टेयर में बुआई हुई है, जबकि पूर्व सीजन की इसी अवधि तक 89.71 लाख हैक्टेयर में बिजाई हो चुकी थी। इन आंकड़ों से भी पता चलता है कि सोयाबीन की बुआई में अभी तक 9.89 लाख हैक्टेयर की कमी बनी हुई है। लिहाजा सोयाबीन की कीमतों में मजबूती आने के संकेत हैं।