mustard stock limit बंपर पैदावार को देखते हुए सरसों से स्टॉक सीमा समाप्त की जावे

मंडी टैक्स एवं एग्री सैस को भी शीघ्र हटाने की मांग

जयपुर, 15 मार्च। प्रदेश में सरसों एवं सरसों तेल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मस्टर्ड ऑयल प्रॉड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) ने राज्य सरकार से सरसों पर लागू स्टॉक सीमा समाप्त करने की मांग की है। मोपा अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने राजस्थान को सरसों प्रदेश घोषित करने के अलावा सरसों पर से मंडी टैक्स एवं एग्री सैस को भी समाप्त करने का सुझाव दिया है। मोपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश जैन तथा संयुक्त सचिव अनिल चतर ने बताया कि इस साल प्रदेश में सरसों का रिकार्ड उत्पादन होने जा रहा है।

पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष प्रदेश में सरसों की पैदावार 36 लाख टन से बढ़कर 50 लाख टन होने का अनुमान है। राजस्थान की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बढ़कर वर्तमान में 8 लाख बोरी के आसपास पहुंच गई है। किसानों एवं सरसों तेल उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए मोपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं अन्य सक्षम अधिकारियों को भेजे ज्ञापन में कई सुझाव दिए हैं, जो कि इस प्रकार हैं :-

1 राज्य में सरसों के बंपर उत्पादन को देखते हुए सरसों से स्टॉक सीमा समाप्त की जाए।

2 स्टॉक सीमा हटाना यदि संभव नहीं हो तो प्रोसेशर्स के लिए वर्तमान में लागू 45 दिन की भंडारण क्षमता को बढ़ाकर 90 दिन किया जाए। इसी प्रकार व्यापारियों के लिए 2000 क्विंटल की स्टॉक सीमा को बढ़ाकर 10,000 क्विंटल किया जावे।

3 देश की कुल सरसों पैदावार का 50 फीसदी से अधिक उत्पादन अकेले राजस्थान में हो रहा है। लिहाजा राजस्थान को सरसों प्रदेश घोषित किया जाए।

4 राज्य सरकार ने सरसों पर मंडी टैक्स एवं एग्री सैस लागू कर रखा है। तेल तिलहन उद्योग एवं किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए मंडी टैक्स एवं एग्री सैस को तुरंत प्रभाव से हटाया जावे।