पाइपलाइन खाली होने से बिनौला खल में मंदी के आसार नहीं

बिनौला खल का पिछला स्टॉक भी नगण्य : ताराचंद कानूनगो, अध्यक्ष राजस्थान कैटलफीड मर्चेन्ट एसोसिएशन

जयपुर, 14 अक्टूबर। देश के उत्पादन केन्द्रों पर नया बिनौला आना प्रारंभ हो गया है। प्रमुख बिनौला उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं गुजरात आदि प्रदेशों में नए बिनौला की सीमित आवक शुरू हो गई है। पिछले दिनों निरंतर बारिश होने के कारण बिनौला को सूखने में समय लग रहा है। हालांकि कई राज्यों में नई बिनौला खल भी आ गई है। राजस्थान कैटलफीड मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ताराचंद कानूनगो ने कहा कि वर्तमान में बिनौला खल की पाइपलाइन खाली है। बिनौला खल की अच्छी आवक होने के बावजूद फिलहाल भावों में नरमी आना मुश्किल प्रतीत होता है। चूंकि बिनौला खल का पिछला स्टॉक भी लगभग निल है। कानूनगो ने बताया कि बिनौला खल में मंदी धीरे-धीरे आएगी। हरियाणा एवं पंजाब में नई बिनौला खल की शुरुआत तो हो गई है, लेकिन उसकी आपूर्ति वहीं पर हो रही है। राजस्थान की मंडियों में माल नहीं आ पा रहा है। अलबत्ता महाराष्ट्र की नई बिनौला खल राजस्थान की मंडियों में जरूर आ गई है। वर्तमान में बिनौला खल के भाव सीजन में लाइफ टाइम हाई चल रहे हैं। यानी जयपुर मंडी में बिनौला खल के औसत भाव 3500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बने हुए हैं। गत वर्ष इन्हीं दिनों बिनौला खल 2500 रुपए प्रति क्विंटल के करीब बिक रही थी। जानकारों का कहना है कि बिनौला खल में अपेक्षित मंदी आने में अभी दो-तीन माह का समय लग सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर से पहले बिनौला खल के भावों में लंबी गिरावट नहीं आएगी।