आयात शुल्क बढ़ने से खाने के तेल महंगे

जयपुर, 15 जून। खाद्य तेलों पर आयात शुल्क (कस्टम ड्यूटी) बढ़ने से स्थानीय तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को सभी खाने तेल 10 से 20 रुपए प्रति टिन तक उछल गए। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने पाम तेलों के अलावा अन्य खाद्य तेलों पर आयात शुल्क 5 से 10 फीसदी तक बढ़ा दिया है। ज्ञात हो इससे पहले सरकार ने तेल और तिलहन पर स्टॉक लिमिट हटाने का फैसला किया था। इसी साल मार्च में सरकार ने कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क 30 से बढ़ाकर 44 प्रतिशत कर दिया था, जबकि रिफाइंड पाम तेल पर इसे 40 से बढ़ाकर 54 फीसदी किया था। सरकार ने एक ताजा अधिसूचना जारी कर कच्चे सोयाबीन तेल पर इसे 35 से बढ़ाकर 45 प्रतिशत कर दिया है। इसी प्रकार क्रूड सूरजमुखी के तेल पर भी आयात शुल्क् 25 से बढ़ाकर 35 प्रतिशत और रिफाइंड पर 35 से बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया है। कनौला तेल पर आयात शुल्क 25 से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया है। मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के अनिल चतर ने कहा कि उद्दमियों ने मांग की थी कि यदि सोया, सूरजमुखी और कनौला तेलों पर आयात शुल्क पाम तेल के समान अनुपात में नहीं बढ़ाया गया तो किसानों की आय को दुगुना करने का सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं होगा। उद्योगपतियों ने ये भी कहा था कि यदि इन तेलों पर शुल्कों में वृद्धि नहीं की गई तो किसानों को अधिक तिलहन उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना मुश्किल होगा। भारत अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सालाना 1.4 करोड़ टन के आसपास वनस्पति तेलों का आयात करता है।