कृषि जिंसों पर किसान कल्याण टैक्स को वापस लो : मुरारका

राजस्थान ऑयल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने दिया ज्ञापन

जयपुर, 7 मई। एक ओर जहां राजस्थान सरकार ने हाल ही कृषि जिंसों पर 2 फीसदी किसान कल्याण सैस लगाया है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कृषि उत्पादों की बिक्री और आसान बनाने के लिए 46 प्रकार के फल एवं सब्जियों पर मंडी और विकास शुल्क हटा दिया है। राजस्थान ऑयल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव डी.डी. जैन तथा संयुक्त सचिव डा. मनोज मुरारका ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देकर कहा है कि सरसों पर पहले से ही 1 फीसदी मंडी शुल्क लगाया हुआ है। 2 फीसदी किसान कल्याण फीस लगने से राजस्थान का तेल उद्योग समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में किसान की करीब 75 फीसदी सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम भावों पर बिक रही है। यदि यह शुल्क लागू हुआ तो प्रदेश की 1800 सरसों तेल इकाईयां बिल्कुल बंद हो जाएंगी।

मुरारका ने बताया कि सरसों सीड पर 1 फीसदी मंडी शुल्क होने से राज्य में अनाधिकृत व्यापार को पहले ही बढ़ावा मिल रहा है। 2 प्रतिशत किसान कल्याण फीस लगने से एग्री कमोडिटी माफिया और सक्रिय हो जाएगा। परिणामस्वरूप राज्य सरकार को मंडी शुल्क के साथ-साथ जीएसटी से भी हाथ धोना पड़ेगा। कोरोना महामारी के चलते राज्य का तेल तिलहन उद्योग पहले से ही मृतप्राय: पड़ा हुआ है। यदि 2 फीसदी किसान कल्याण शुल्क भी लागू हुआ तो राज्य की तेल इकाईयां या तो पड़ौसी राज्यों में शिफ्ट हो जाएंगी या फिर पूरी तरह से बंद हो जाएंगी। एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया है कि 2 प्रतिशत किसान कल्याण फीस को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जावे।