पैदावार कम होने से छोटी इलायची में मजबूती के आसार

8 एमएम 2350 तथा गायत्री ब्रांड 7 एमएम के भाव 1525 रुपए प्रति किलो 

जयपुर, 20 नवंबर। पैदावार कम होने तथा सावों की डिमांड के चलते छोटी इलायची की कीमतों में अच्छी मजबूती के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। स्थानीय ड्राई फ्रूट मार्केट में छोटी इलायची 8 एमएम के भाव 2350 रुपए तथा गायत्री ब्रांड 7 एमएम के भाव 1525 रुपए प्रति किलो पर मजबूत बोले जा रहे हैं। ज्ञात हो करीब एक साल पहले छोटी इलायची के भाव 1200 रुपए प्रति किलो के आसपास थे। इस साल छोटी इलायची की कीमतें बढ़ी हैं, क्योंकि इलायची की फसल का समय जून और अगस्त में कम बारिश के कारण इलायची का उत्पादन 25 फीसदी घटकर 23000 टन रह गया है। किसानों को उत्पादन में गिरावट की भरपाई ऊंची कीमतों से हुई है। गौरतलब है कि देश की 95 फीसदी इलायची का उत्पादन केरल के इडुक्की जिले में होता है। चांदपोल बाजार स्थित दीनानाथ की गली में थोक कारोबारी कैलाशचंद सुरेश कुमार के रामअवतार बजाज ने बताया कि त्योहारी सीजन एवं सावों की डिमांड के चलते छोटी इलायची में मजबूती के संकेत हैं। बजाज ने कहा कि वर्ष 2019 में छोटी इलायची की कीमतें रिकार्ड स्तर 4000 रुपए प्रति किलो को पार कर गईं थी। उस समय मानसून की बारिश नहीं हुई थी, जिससे अधिकतम कीमत 7000 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थीं। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि अगले सीजन का उत्पादन कम होने पर कीमतें फिर से रिकार्ड स्तर के आसपास हो सकती हैं। जानकार बताते हैं कि देश में कुल इलायची उत्पादन पिछले साल के 25000 टन से घटकर लगभग 18000 टन रह सकता है। व्यापारियों के पास कैरीओवर स्टॉक भी कम है। चार-पांच साल पहले कीमतें रिकार्ड स्तर पर पहुंचने के बाद इलायची की खेती इडुक्की जिले के साथ-साथ तमिलनाडु में भी की जाने लगी है। कम उत्पादन के कारण दुनिया का सबसे बड़ा इलायची उत्पादक देश ग्वाटेमाला की इलायची भारतीय बाजार में सप्लाई की जा सकती है। ग्वाटेमाला में नई इलायची की फसल शुरू हो चुकी है। ग्वाटेमाला की इलायची के कारण पिछले साल भारत के इलायची निर्यात में भी गिरावट आई थी।