देशी घी की उपभोक्ता मांग कमजोर, मगर भावों में अपेक्षित मंदी नहीं

प्रीमियम क्वालिटी का घी 8500 रुपए प्रति टिन के आसपास बिक रहा

जयपुर, 10 मार्च। देशी घी के भावों में एतिहासिक तेजी के चलते इन दिनों घी की उपभोक्ता मांग कमजोर चल रही है। हालांकि प्लांटों में दूध की उपलब्धता कम है, लिहाजा घी की कीमतों में अपेक्षित गिरावट भी नहीं आ रही है। ग्राहकी के अभाव में देशी घी में 25 से 50 रुपए प्रति टिन की तेजी-मंदी जरूर बनी हुई है। स्थानीय राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा स्थित फर्म आर. मूंदड़ा एंड कंपनी के रामनिवास मूंदड़ा ने बताया कि इन दिनों लिक्विड दूध की 8 फीसदी अतिरिक्त खपत होने से डेयरियों को दूध महंगा मिल रहा है। इसे देखते हुए स्किम्ड् मिल्क पाउडर में भी मजबूती बन सकती है। जानकारों के मुताबिक वर्तमान में कंपनियां प्रीमियम क्वालिटी का देशी घी 8300 से 8500 रुपए प्रति 15 किलो टिन बोल रही हैं। लेकिन इन भावों पर व्यापार नहीं हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इस समय घी के बाजार को समझना मुश्किल प्रतीत हो रहा है। चूंकि मिलावटी देशी घी कहां से और कितनी मात्रा में बाजार में पहुंच रहा है तथा किस ब्रांड में आ रहा है, यह जानकारी नहीं हो पा रही है। अधिकांश देशी घी निर्माता 55 रुपए प्रति लीटर में दूध खरीदकर घी बनाने में असमर्थ हैं। इस बीच एक सप्ताह के दौरान उत्तर भारत में मौसम का तापमान अचानक बढ़ जाने से भी दूध की आपूर्ति में भारी कमी देखी जा रही है। गुजरात कोपरेटिव डेयरी का दूध मेहसाना एवं बनासकांठा में महंगा बोले जाने की खबर है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए देशी घी एवं दूध पाउडर में कमी बनी रहेगी। गर्मी पड़ने पर दूध की खपत में और इजाफा होगा। हालांकि आने वाले समय में देशी घी की खपत में कमी आएगी। जानकार कहते हैं कि स्टॉकिस्ट ऊंचे भावों पर देशी घी के लिवाल नहीं हैं तथा प्रॉडक्शन का अधिकांश देशी घी कंपनियों के पास स्टॉक है।