चार माह के दौरान 30 रुपए प्रति किलो महंगी हुई लाल तिल्ली

राजस्थान की अधिकांश तिल्ली तेल इकाईयों में उत्पादन ठप

जयपुर, 7 नवंबर।  पश्चिम बंगाल में लाल तिल्ली की कीमतें इन दिनों निरंतर उछल रही हैं। वर्तमान में लाल तिल्ली एक्स कोलकाता के भाव 105 से 110 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं। करीब चार माह पहले लाल तिल्ली के भाव 80 रुपए प्रति किलो के आसपास बोले गए थे। चार माह के दौरान लाल तिल्ली में 30 रुपए प्रति किलो की तेजी दर्ज की गई है। लाल तिल्ली के भाव लगातार उछलने से राजस्थान की अधिकांश तिल्ली तेल मिलों में उत्पादन ठप पड़ा हुआ है। सत्य ट्रेडिंग कंपनी के दिनेश वैद ने बताया कि सफेद तिल्ली के भाव 190 से 195 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। इसी के समर्थन में बंगाल की लाल तिल्ली निरंतर महंगी हो रही है। जयपुर में मंगलवार को लाल तिल डली 6100 रुपए तथा लाल तिल पपड़ी 4200 रुपए प्रति क्विंटल बिकने के समाचार हैं। हालांकि इस बार लाल तिल्ली की पैदावार पिछले साल की तुलना में ज्यादा अच्छी है। लेकिन सफेद तिल्ली महंगी होने से लाल तिल्ली डिमांड बनी हुई है। कोलकाता में नई लाल तिल्ली (बंगाल तिल्ली) की आवक जुलाई से प्रारंभ हो गई है। उधर बिहार का तिलकुट पूरी दुनिया में मशहूर है। मगर क्या आपको पता है कि बिहार खुद तिल का उत्पादन नहीं करता, बल्कि दूसरे राज्यों से मंगवाया जाता है। आपको बता दें बिहार के गया में निर्मित तिलकुट के लिए राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से तिल मंगवाया जाता है। लेकिन इसी साल के अंत तक बिहार खुद ही तिल उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जाएगा। क्योंकि सरकार तिल उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहन दे रही है। अच्छी बात यह है कि तिल की खेती में ज्यादा लागत नहीं आती है। दो सिंचाई में पूरी फसल तैयार हो जाती है। गया में बड़े पैमाने पर तिलकुट प्रसंस्करण इकाईयां काम कर रही हैं। इसलिए यहां तिल की खपत देश में सबसे ज्यादा है। बिहार में तिल का खास उत्पादन नहीं होता इसलिए दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है।