मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की मंडियों में नए सोयाबीन की आवक शुरू
देश में इस साल 121 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान
जयपुर, 3 नवंबर। उत्पादक मंडियों में इन दिनों नई सोयाबीन की आवक पिछले दो-तीन सप्ताह से हो रही है। मध्य प्रदेश की दतिया, शिवपुरी, सुजालपुर, नीमच, रतलाम, दाहोद के अलावा राजस्थान की कोटा एवं आसपास की मंडियों में नई सोयाबीन का आवक दबाव पिछले साल के मुकाबले अपेक्षाकृत कम देखने को मिल रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र के अकोला, जलगांव, परभणी एवं औरंगाबाद लाइन में इस बार सोयाबीन की फसल बहुत ज्यादा नहीं है। हालांकि नई सोयाबीन की क्वालिटी बेहतर है। मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन 4500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास क्वालिटी अनुसार बिक रही है। प्लांट पहुंच सोयाबीन के भाव 5300 रुपए प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के देवास में निर्मित प्योराश्योर ब्रांड सोया बड़ी (सोयाबीन की मंगोड़ी) राजस्थान के सभी जिलों में उपलब्ध करा दी गई है। सोयाबीन की मंगोड़ी के निर्माता ओस्टर एग्जिम प्राईवेट लिमिटेड के विपणन अधिकारी दिलीप उपमन्यु ने बताया कि कंपनी की सोया बड़ी 45 ग्राम के स्मॉल पैक से लेकर 1, 2, 5, एवं 20 किलो के आकर्षक पैकिंग में उपलब्ध है। कंपनी ने अपनी विस्तार योजना को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान के सभी शहरों में डीलर नियुक्त कर दिए हैं। जयपुर जिले के वितरक सूरजपोल मंडी स्थित कृष्णा मार्केटिंग के मोहन झालानी ने कहा कि प्योराश्योर सोया बड़ी की बेहतर क्वालिटी होने की वजह से इसकी डिमांड निरंतर बनी हुई है। इसे खाने से शरीर को प्रोटीन के अलावा आयरन, विटामिन सी और कुछ हैल्दी फैट मिलते हैं, जो कि शरीर के सैल्स, टिश्यूज और कई अंगों के कामकाज को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। सोया बड़ी को सलाद, चाट एवं सूप बनाकर भी खाया जाता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाये जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले साल सोयाबीन की पैदावार 126 लाख टन के आसपास हुई थी, जबकि इस बार फसल को देखते हुए 121 लाख टन सोयाबीन उत्पादन का अनुमान है। सोया डीओसी के भाव वर्तमान में 43000 रुपए प्रति टन के आसपास बोले जा रहे हैं।