कपास की पैदावार घटी, बिनौला खल के भाव रिकॉर्ड स्तर पर

ट्रेडर्स की लिवाली से एनसीडैक्स तथा एमसीएक्स पर भी निरंतर तेजी

जयपुर, 6 जनवरी। पैदावार कम होने से बिनौला खल के भावों में इस बार एतिहासिक तेजी बन गई है। वर्तमान में बिनौला खल (कपास्या खल) के भाव जयपुर मंडी में ऑल टाइम हाई 3800 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गए हैं। पशु पालकों की डिमांड जारी रहने से एक सप्ताह के अंतराल में बिनौला खल करीब 250 रुपए प्रति क्विंटल महंगी हो गई है। राजस्थान कैटलफीड मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष ताराचंद कानूनगो ने बताया कि उत्पादन केन्द्रों में इस बार कपास का उत्पादन पिछले साल की तुलना में कमजोर है। बिनौला खल महंगी होने से किसान भी मंडियों में कपास कम ला रहा है। कानूनगो ने कहा कि देश की मंडियों में आमतौर पर 350 लाख गांठ (एक गांठ यानी 170 किलो) कपास का उत्पादन होता है। इस साल यह अनुमान घटकर 275 से 300 लाख गांठ का बताया जा रहा है। परिणामस्वरूप बिनौला खल में निरंतर मजबूती का रुख बना हुआ है। एनसीडैक्स पर आज बिनौला खल 20 जनवरी अनुबंध 3384 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूती लेकर बंद हुआ है। हालात ये ही रहे तो बिनौला खल इस साल 4000 रुपए प्रति क्विंटल को पार कर सकती है।

देश में कपास का उत्पादन गुजरात में सबसे ज्यादा होता है। गुजरात में कपास का सेंटर राजकोट माना जाता है। वहां पर वर्तमान में कपास के भाव 8000 से 10000 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। राजस्थान में भी हालांकि श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ क्षेत्र में थोडी बहुत कपास पैदा होती है। हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में भी कपास का उत्पादन अच्छी मात्रा में होता है। जानकारों का कहना है कि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कपास निरंतर महंगी हो रही है।