प्रदेश की मंडियों में प्रतिदिन 30 हजार कट्‌टे नए बाजरे की आवक

लूज भाव 2000 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल, इस बार क्वालिटी कमजोर

जयपुर, 20 सितंबर। राजस्थान की उत्पादक मंडियों में इन दिनों नए बाजरे की आवक शुरू हो गई है। दौसा मंडी में आज करीब 6 हजार कट्‌टे बाजरा उतरने के समाचार हैं। प्रदेश की चाकसू, बस्सी, अलवर, खैरथल, बांदीकुई, महुआ, मंडावर, नदबई, खेरली तथा भरतपुर आदि मंडियों में प्रतिदिन करीब 30 हजार कट्‌टे बाजरा आ रहा है। मंडियों में लूज बाजरा 2000 से 2300 रुपए प्रति क्विंटल तक बेचा जा रहा है। विनायक बिल्टी ब्रोकर के राजबिहारी खंडेलवाल ने बताया कि इस बार अनियमित बारिश होने से राजस्थान में बढ़िया बाजरे की शॉर्टेज रहेगी। राजस्थान में एक-डेढ़ महीने बाद बारिश होने से बाजरा पीला भी पड़ गया है। लिहाजा हल्की क्वालिटी का बाजरा कैटलफीड में ही जाएगा। इधर सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल राजस्थान में बाजरे का बिजाई लक्ष्य पिछले साल से करीब डेढ़ लाख हैक्टेयर कम है। ध्यान रहे बाजरा उत्पादन में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है। लिहाजा लक्ष्य घटाने से बाजरे की पैदावार में कोई खास बदलाव नहीं आएगा। क्योंकि सरकार चाहती है कि प्रदेश दलहन फसलों में भी आगे बढ़े। इसीलिए राजस्थान में इस साल दलहन फसलों का रकबा बढ़ाया गया है। जानकार बताते हैं कि बाजरा उत्पादन के मामले में राजस्थान देश के अन्य सभी राज्यों में अव्वल है। यहां की शुष्क जलवायु और मिट्‌टी बाजरे की खेती के लिए काफी बेहतर है। इसलिए यहां बाजरे का उत्पादन देश में सबसे ज्यादा होता है। राजस्थान में पूरे देश का करीब 42 प्रतिशत बाजरे का उत्पादन होता है। अकेले बाड़मेर जिले में करीब 10 लाख हैक्टेयर में बाजरा बोया जाता है। और यहां पर सालाना करीब 500 करोड़ रुपए का बाजरा पैदा होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल जुलाई के पहले सप्ताह तक प्रदेश में बाजरे की बंपर बिजाई हुई है। कृषि विभाग ने इस साल बाजरे की बिजाई का लक्ष्य 44 लाख हैक्टेयर रखा है।