उत्पादन बेपड़ता होने से 40 फीसदी सरसों तेल मिलें बंद

मोपा ने कहा विदेशी तेलों पर 20 प्रतिशत ड्यूटी लगाई जावे

जयपुर, 13 दिसंबर। उत्पादन बेपड़ता होने से वर्तमान में देश की करीब 40 फीसदी सरसों तेल इकाईयां बंद हो गई हैं। वर्तमान में विदेशी तेल सस्ते होने से सरसों तेल की बिक्री लगातार घटती जा रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश में नई लहिया (सरसों) की सीमित आवक प्रारंभ हो गई है। राजस्थान की मंडियों में नई सरसों फरवरी मध्य तक आएगी। मस्टर्ड ऑयल प्रोड्यूशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा एवं संयुक्त सचिव अनिल चतर ने कहा कि इस वर्ष सरसों की बिजाई में जोरदार बढ़ोतरी होने की उम्मीद थी, लेकिन किसान को सरसों का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण बिजाई में मामूली बढ़ोतरी हो सकी है। देश में अब तक करीब 89 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बिजाई हुई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 87 लाख हैक्टेयर में बिजाई हुई थी। चतर ने बताया कि फिलहाल देश में सरसों का स्टॉक तकरीबन 30 लाख टन के आसपास है। इसमें सरकारी एजेंसियों के पास 10 लाख टन, किसानों के पास 15 लाख टन तथा ऑयल मिलर्स एवं स्टॉकिस्टों के पास 5 लाख टन है। नई लहिया की आवक होने तथा स्टॉकिस्टों की बिकवाली के चलते सरसों सीड में इन दिनों लगातार गिरावट आ रही है। जयपुर मंडी में सरसों मिल डिलीवरी 42 प्रतिशत तेल कंडीशन के भाव बुधवार को 5750 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बोले जा रहे थे। डाटा ने सरकार को सुझाव दिया है कि विदेशी तेलों पर तत्काल प्रभाव से 20 ड्यूटी लगा देनी चाहिए, जिससे घरेलू तेल उद्योग को बंद होने से बचाया जा सके। मार्केट में इस समय विदेशी पाम तेल 82 रुपए तथा सोया तेल 92 रुपए प्रति किलो के आसपास बिक रहा है। दूसरी ओर सरसों तेल की कीमतें 104 रुपए प्रति किलो के करीब चल रही हैं। परिणामस्वरूप सरसों तेल की बिक्री विदेशी तेलों की तुलना में कमजोर है।