पशु पालकों की डिमांड कमजोर, बिनौला खल 200 रुपए टूटी

बिकवाली दबाव से सफेद तिल्ली 14 रुपए घटकर 172 रुपए प्रति किलो बिकी

जयपुर, 15 दिसंबर। पशु पालकों की कमजोर लिवाली के चलते स्थानीय कैटलफीड मार्केट में इन दिनों बिनौला खल की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। दो सप्ताह के अंतराल में बिनौला खल में करीब 200 रुपए प्रति क्विंटल निकल गए हैं। जयपुर कैटलफीड मार्केट में शुक्रवार को बिनौला खल 3200 से 3400 रुपए प्रति क्विंटल पर घटाकर बेची जा रही थी। प्रमुख ब्रोकरेज फर्म सत्य ट्रेडिंग कंपनी के दिनेश वैद ने बताया कि पशु पालक को मक्का, गेहूं एवं बाजरा आदि जिंसें सस्ती मिल रही हैं, लिहाजा बिनौला खल की ग्राहकी घट गई है। बिकवाली के चलते बठिंडा, अमरावती, हापुड़ एवं मेरठ आदि मंडियों में भी बिनौला खल के भाव टूट गए हैं। उधर एक्स कोलकाता लाल तिल्ली के भाव चार रुपए नीचे आकर 82 रुपए प्रति किलो रह गए हैं। सफेद तिल्ली में ज्यादा गिरावट देखी गई है। जयपुर मंडी में सफेद तिल्ली 12 से 14 रुपए प्रति किलो सस्ती हो गई है। गजक एवं रेवड़ी वालों की डिमांड पूरी होने से सफेद तिल्ली के भाव यहां 172 रुपए प्रति किलो पर आ थमे हैं। सफेद तिल्ली की निर्यात मांग नहीं होने से भी इसकी कीमतों में नरमी को बल मिल रहा है। दूसरी ओर चना चूरी मामूली तेजी के साथ 3525 रुपए प्रति क्विंटल बेची जा रही है। स्थानीय कैटलफीड मार्केट में लाल तिल पपड़ी 4000 रुपए तथा लाल तिल डली 6200 रुपए प्रति क्विंटल बिकने की खबर है। इस बीच ट्रेड के जानकारों का कहना है कि चालू सीजन के दौरान कपास के उत्पादन में गिरावट के समाचार मिल रहे हैं। इसे देखते हुए बिनौला की उपलब्धता में कमी आ सकती है। वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए आने वाले समय में बिनौला खल के भावों में लंबी तेजी-मंदी की उम्मीद नहीं है। बिनौला खल का बाजार फिलहाल सीमित दायरे में घूमता रह सकता है।