रिकार्ड उत्पादन, फिर भी नहीं घट रहे सरसों तेल के दाम

देश में इस साल 100 लाख टन सरसों पैदावार का अनुमान

जयपुर, 6 दिसंबर। इस वर्ष सरसों की बिजाई अधिक होने के बावजूद सरसों तेल की कीमतों में अभी भी गिरावट नहीं आ रही है। केन्द्र सरकार के भारी प्रयासों के बाद भी सरसों तेल के दाम नहीं घटे हैं। गौरतलब है कि भारत सरकार ने पिछले दो माह में आयातित तेलों के शुल्क में भारी कटौती की है। दी सॉल्वेंट एक्सटैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बी.वी. मेहता ने कहा कि भारत सरकार को रिफाइंड रैपसीड ऑयल (कनौला) में अन्य तेलों के अनुसार ही ड्यूटी घटानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मेहता ने बताया कि सरकार ने पिछले दो माह के दौरान क्रूड पाम आयल, सोयाबीन ऑयल, क्रूड सनफ्लावर ऑयल, आरबीडी पामोलिन आदि में ड्यूटी घटाकर पांच से छह फीसदी कर दी है। जबकि रिफाइंड रैपसीड ऑयल पर ड्यूटी अभी भी 41 प्रतिशत है।

रिफाइंड रैपसीड आयल पर आयात शुल्क ज्यादा

मेहता ने कहा कि भारत सरकार वर्तमान में रिफाइंड रैपसीड ऑयल बहुत ही कम मात्रा में आयात कर रही है तथा इस पर बहुत ही कम विदेशी मुद्रा खर्च हो रही है। लेकिन इस पर आयात शुल्क 41.25 फीसदी है। चूंकि कनौला एवं सरसों के भाव एक दूसरे पर अच्छा प्रभाव डालते हैं। अत: भारत सरकार तुरंत प्रभाव से कनौला पर आयात शुल्क 41.25 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत कर दे तो सरसों तेल के भावों में 15 फीसदी की गिरावट आ सकती है।

रिकार्ड उत्पादन, फिर भी नहीं घट रहे सरसों तेल के दाम

देश भर में सरसों की बिजाई अधिक होने से इस साल सरसों की पैदावार 100 लाख टन को पार कर सकती है। सरसों के भाव काफी ऊंचे होने के चलते इस बार सरसों की बिजाई 40 फीसदी ज्यादा हुई है। राजस्थान सरकार के अधिकृत आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष सरसों की बिजाई 23.72 लाख हैक्टेयर में हुई, जबिक इस साल 33.38 लाख हैक्टेयर में हुई है। देश भर में बिजाई के आंकड़ों को देखें तो इस साल करीब 77 लाख हैक्टेयर में सरसों बोई गई, जबकि पिछले साल 59 लाख हैक्टेयर में सरसों की बिजाई हुई थी।

तेल तिलहनों पर स्टॉक सीमा भी लगाई

सरसों तेल में भारी तेजी को देखते हुए आम उपभोक्ता को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने आयात शुल्क में कटौती के साथ तेल तिलहनों पर स्टॉक सीमा लागू की। साथ ही एनसीडैक्स पर सरसों के वायदा व्यापार पर रोक लगाई। सरकार के इन क्रांतिकारी कदमों के बावजूद सरसों तेल के भाव नीचे नहीं आ सके। नई सरसों मार्च से पहले नहीं आएगी, लिहाजा सरसों तेल में फिलहाल मंदी के आसार नहीं हैं।